दिल्ली:बिलकिस बानो केस Bilkis Bano Case में दोषियों की समय से पहले रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा. गुजरात सरकार ने उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों को रिहा करने का फैसला लिया था.राज्य सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध हुआ और फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर कैसे ये दोषी माफी के योग्य बने?

Bilkis Bano Case 8 जनवरी को आयेगा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2022 में बिलकिस बानो मामले की सुनवाई करते हुए दोषियों की रिहाई पर गुजरात सरकार को फैसला लेने का निर्देश दिया था.इस पर राज्य सरकार ने एक कमेटी बनाई.इस कमेटी की सिफारिश पर सजा माफ करते हुए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया. बिलकिस बानो ने गुजरात सरकार के रिहाई वाले फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से 8 जनवरी को फैसला आएगा.सीबीआई की अदालत ने बिलकिस बानो मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.इसके बाद सजा काट रहे 11 दोषियों में से एक ने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से राहत मिली और उनकी याचिका खारिज हो गई.उन्होंने हाई कोर्ट में दायर याचिका में रिहाई की मांग की थी,फिर दोषी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
क्या है बिलकिस बानो का पूरा मामला
गुजरात के गोधरा स्टेशन पर 27 फरवरी साल 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे में आग लगी दी गई थी.इस आग में जिंदा जलने से अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी.इसके बाद राज्य में हिंसा भड़क उठी और इससे बचने के लिए बिलकिस बानो अपने परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थीं.बिलकिस उस समय पर 5 महीने की गर्भवती थीं. जहां पर वह परिवार के साथ छिपी थीं, वहां 3 मार्च को लोगों की भीड़ पहुंची और बिलकिस बानो के साथ रेप किया.इतना ही नही इसके साथ ही भीड़ ने तलवार और लाठियों से हमला कर परिवार के 7 लोगों को भी मौत के घाट उतार दिया था.