Supreme Court Waqf Bill : संसद से वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद इस बिल की वैधानिकता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में 70 से अधिक याचिकाएं दाखिल हुई हैं. इन याचिकाओं में से कुछ, करीब 10 याचिकाओं पर बुधवार को दिनभर सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई. याचिकाकर्ता की तरफ से कपिल सिब्ब्ल और अभिषेक मनु सिंहवी ने बहस किया वहीं सरकार की तऱफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए.
Supreme Court Waqf Bill : सीजेआई ने तुषार मेहता से पूछा सवाल
यचिकाकार्ता की तरफ से तरफ से बिल में बोर्ड के सदस्यों के रुप में हिंदुओं की इंट्री को लेकर चीफ जस्टिस ने सरकार के वकील तुषार मेहता से पूछा कि क्या किसी हिंदु ट्रस्ट में भी गैर मुस्लिम सदस्य हैं ?
सीजेआई ने तिरुमला ट्रस्ट का उदाहरण देते हुए पूछा कि क्या किसी हिंदुट्रस्ट में किसी गैर मुस्लिम को शामिल किया जा सकता है ?
चीफ जस्टिस ने तुषार मेहता से पूछा कि ‘मिस्टर मेहता,क्या आप यह कह सकते हैं कि अब से हिंदू संस्थाओं में मुस्लिमों को भी एंट्री मिल जाएगी. वे उसका हिस्सा हो सकते हैं. इसका जवाब आप साफ-साफ दें.’
वक्फ बिल की वैधानिकता को लेकर बुधवार को अदालत में दोनो तरफ से जोरदार दलीलें पेश की गई. याचिकार्ताओं की तरफ से उठाये गये सवालों पर सीजेआई संजीव खन्ना समेत तीनों जजों ने सरकार के वकील तुषार मेहता से कई कड़े सवाल पूछे.
सरकार के वकील तुषार मेहता की दलील
बहस के दौरान सरकार के वकील तुषार मेहता ने कानून की संवैधानिकता पर उठ रहे सवाल के जवाब में कहा कि इश कानून को बनाने के लिए जेपीसी का गठन किया गया था. कानून बनाने से पहले 38 बैठकें हुईं. 98 लाख से अधिक सवाल के जांच किये गये. इस कमिटी ने कई क्षेत्रों का दौरा किया.तब कहीं जाकर बिल का ड्राफ्ट तैयार हुआ और फिर दोनों सदनों ने इस बिल को पारित किया गया.
अदालत में गुरुवार को फिर होगी बहस
बुधवार को कोर्ट ने कोई आदेश पारित नहीं किया लेकिन मुख्यन्यायधीश ने मौखिक रुप से कहा कि जिस संपत्ति को वक्फ घोषित किया गया या न्यायालय ने घोषित किया है, उसे अधिसूचित नहीं किया जायेगा. सुप्रीम अदालत ने मौखिक रुप से ही कहा कि बोर्ड में पदेन सदस्यों की नियुक्ति बिना जाति धर्म को देखे किया जा सकता है लेकिन बाकी के सदस्य मुस्लिम ही होने चाहिये. कोर्ट की इस मौखिक टिप्पणी के बाद सरकार के वकील तुषार मेहता ने अदालत से प्रार्थना की कि उन्हें कल फिर से सुना जाये.