नईदिल्ली:वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. पंजाब में पराली जलाने Stubble Burning को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार को राजनीति छोड़कर इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए कि पंजाब में धान की खेती और पराली की समस्या Stubble Burning किस तरह से समाधान किया जा सकता है. जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर इसी तरह आरोप-प्रत्यारोप चलता रहा तो राज्य में सूखे की स्थिति पैदा हो जाएगी.
Stubble Burning में किसानों को विलेन बनाया जा रहा है
सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमांशु धूलिया ने कहा कि किसानों को विलेन बनाया जा रहा है,उनकी समस्या को कोई नहीं सुन रहा. जस्टिस धूलिया ने किसानों की समस्या को रेखांकित करते हुए कहा कि उनके पास पराली जलाने के कुछ तो कारण होंगे. हमें इस पर विचार करने की जरूरत है.सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कहा कि हमने पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है और करीब सौ FIR दर्ज की है.इसके साथ ही दो करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया है. पंजाब के छह जिले ऐसे हैं जिनमें पूरी तरह से पराली जलाने पर रोक लग गई है .
केंद्र और राज्य सरकार को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने पराली की समस्या को लेकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों को आड़े हाथों लिया है..कोर्ट ने कहा इस मामले में राजनीति भूलकर यह पता लगाना चाहिए कि पराली जलाने पर कैसे रोक लगाई जाए.आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी रहा, तो जमीन सूख जाएगी, पानी गायब हो जाएगा. पीठ ने कहा कि जो किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं, उन्हें धान की फसल उगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. कोर्ट के आदेश के बावजूद पंजाब में पराली जलाने पर रोक नहीं लग रही. यहां मंगलवार को भी 513 जगह पराली जलाई गई. पंजाब के कई जिलों में पराली जलाने के मामले दर्ज हुए हैं. इनमें मोगा में 98, फिरोजपुर में 97, बठिंडा में 55, मुक्तसर में 62, बरनाला में 20, फरीदकोट में 45, संगरूर में 17, लुधियाना में 11 पराली जलाने के मामले आये हैं.