Thursday, March 13, 2025

Adani-Hindenburg case:सुप्रींम कोर्ट से मिली सेबी और अदानी दोनों को बड़ी राहत, सेबी ही करेगी जांच, अलग SIT बनाने से किया इनकार

बुधवार को अदानी समूह और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अदानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) बनाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने सेबी की जांच पर भरोसा जताते हुए कहा कि सेबी अपनी जांच जारी रखेगी. कोर्ट ने कहा कि सेबी की जांच को उदासीन कहने या उसपर शक करने का कोई आधार नज़र नहीं आता. सुप्रीम कोर्ट ने अलग जांच की मांग को ठुकराते हुए कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट या ऐसी कोई भी चीज़ अलग जांच के आदेश का आधार नहीं बन सकती है. अदालत ने सेबी को तीन महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का आदेश दिया.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर को अडानी समूह ने बताया सत्य की जीत

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अडानी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडानी ने ट्वीट किया. “सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है. मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे. भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा.”

कांग्रेस ने दोहराई संसदीय समिति से जांच की मांग

कोर्ट के फैसले के बाद भी कांग्रेस ने सेबी की कार्यशैली पर सवाल उठाए और फिर एक बार अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच संसदीय समिति से कराने की अपनी मांग को दोहराया. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, ”बुनियादी तथ्य यह है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ठीक एक साल पहले सार्वजनिक डोमेन में आई थी और एक साल से सेबी हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों पर अपने पैर खींच रहा है. अगर इतने संवेदनशील मामले में एक जांच पूरी करने में एक साल भी लग जाए, तो इससे पता चलता है कि सेबी का रवैया कितना लचर है. अगर सेबी चाहती तो बहुत पहले ही जांच पूरी कर सकती थी और हम बार-बार इस मामले को वित्त की संसदीय स्थायी समिति में भी उठाया…”

किस ने की सुनवाई और कौन थे याचिकाकर्ता

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने चार याचिकाओं पर फैसला सुनाया. याचिकाएं वकील विशाल तिवारी, एमएल शर्मा और कांग्रेस नेता जया ठाकुर और अनामिका जयसवाल ने दायर की थीं
फैसला पढ़ते हुए कोर्ट ने कहा कि सेबी के नियामक ढांचे में प्रवेश करने की शीर्ष अदालत की शक्ति सीमित है. एफपीआई और एलओडीआर नियमों पर अपने संशोधनों को रद्द करने के लिए सेबी को निर्देश देने के लिए कोई वैध आधार नहीं उठाया गया था. सेबी ने 22 में से 20 मामलों की जांच पूरी कर ली है. आदेश में कहा गया है कि वह अन्य दो मामलों की जांच तीन महीने के भीतर पूरी कर लेगी.

क्या है अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का मामला

इस साल जनवरी में खोजी जांच करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि अडानी समूह ने अपने शेयरों को बाजार में बढ़ाने के लिए कई सेल कंपनियों का सहारा लिया और अपने शेयर्य के दाम बढ़ाये. इस रिपोर्ट के आने के बाद भारतीय राजनीति में बवाल मच गया . कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले को संसद में उठाया . कांग्रेस ने सरकार से इस मामले की जांच के लिए जेपीसी (JPC) बनाने की मांग की थी. देशभर में भारी विरोध के बीच अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखने के लिए मिली थी. अडानी समूह के स्टाक्स की कीमत 85 फीसदी तक नीचे आ गया था.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को अपने बीस हजार करोड़ का मेगा FPO वापस लेना पड़ा था.

ये भी पढ़ें- India Coordinator बनेंगे सीएम नीतीश ? विजय चौधरी बोले किसी पद का लालच नहीं

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news