दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में सेबी (SEBI SUPREME COURT) ने अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच पूरी करने और अपनी जांच की स्थिति रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 दिन का और समय मांगा.
वित्तीय मामलों के रेगुलेटरी बोर्ड सेबी (SEBI) ने देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने अडानी समूह के खिलाप आये हंडनबर्ग रिपोर्ट पर अपन जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए और 15 दिन का समय मांगा है. सुप्रीम कोर्ट (SUPREME COURT) ने सेबी को इस मामले में अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया था.
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क्या है अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का मामला
इस साल जनवरी में खोजी जांच करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि अडानी समूह ने अपने शेयरों को बाजार में बढ़ाने के लिए कई सेल कंपनियों का सहारा लिया और अपने शेयर्य के दाम बढ़ाये. इस रिपोर्ट के आने के बाद भारतीय राजनीति में बवाल मच गया . कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले को संसद में उठाया . कांग्रेस ने सरकार से इस मामले की जांच के लिए जेपीसी (JPC) बनाने की मांग की थी. देशभर में भारी विरोध के बीच अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखने के लिए मिली थी.अडानी समूह के स्टाक्स की कीमत 85 फीसदी तक नीचे आ गया था.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को अपने बीस हजार करोड़ का मेगा FPO वापस लेना पड़ा था.
पिछली सुनवाई में SEBI ने किया था रिज्वाइंडर दाखिल
सुप्रीम कोर्ट में अडानी हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) में सेबी ने मार्च के महीने में हुई सुनवाई से पहले रिज्वाइंडर दाखिल किया था, जिसमें अडानी ग्रुप के क्रिया कलापों के बारे में जानकारी दी गई थी. इस रिज्वाइंडर में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया था कि 2016 से अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच के दावे पूरी तरह से निराधार हैं. सेबी द्वारा कोर्ट में दिये गये हलफनामे के मुताबिक अडानी समूह की कोई भी लिस्टेड कंपनी इस अवधि में सेबी द्वारा जांच की जा रही 51 कंपनियों के जांच का हिस्सा नहीं रही है .