Thursday, November 20, 2025

मणिपुर को विकास की सौगात देने मणिपुर पहुंचे पीएम मोदी,सबसे पहले किया बैराबी-सैरांग रेल लाइन का उद्घाटन

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PM Modi Manipur : मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जारी जातीय हिंसा के दो साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहली बार राज्य के दौरे पर पहुंचे हैं.यहां पहुंच कर पीएम मोदी ने सबसे पहले राज्य को 8,070 करोड़ रुपये की रेल परियोजना की सौगात दी. पीएम मोदी ने मिजोरम पहुंचकर सबसे पहले बैराबी-सैरांग रेल लाइन का उद्घाटन किया.ये परियोजना मणिपुर को देशभर के भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ती है. पीएम मोदी ने इस परियोजना का उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से किया. खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री मोदी कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंच पाये, इसलिए उन्होंने लेंगपुई हवाई अड्डे से वर्चुअल माध्यम से इस परियोजना का उद्धाटन किया.

PM Modi Manipur : बैराबी-सैरांग रेल लाइन का उद्घाटन  से बदलेंगे राज्य के हालात

51.38 किलोमीटर के इस ब्रॉड गेज रेल परियोजना को मिजोरम में पहाड़ों को काट कर बनाया गया है. इस रेल मार्ग पर कुल 45 सुरंगों और 140 से अधिक पुलों बनाये गये हैं.ये रेल परियोजना मिजोरम राजधानी आइजोल को रेल मार्ग के जरिये देश के अन्य हिस्सों से जोड़ती है.

पीएम मोदी ने चुराचांदपुर में रखी 7300 करोड़ की परियोजना की आधारशिला 

प्रधानमंत्री मोदी   मिजोरम की अपनी इस यात्रा के दौरान राज्य के अलग-अलग हिस्सों में विकास परियोजनाओं का उद्धाटन और शिलान्यास कर रहे हैं. रेल परियोजन के बाद पीएम मोदी कुकी बहुल इलाके चुराचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये की विकास परियोजना की आधारशिला रखेंगे. इसके बाद मैतेई बहुल इंफाल में 1,200 करोड़ रुपये के परियोजना का भी उद्घाटन करेंगे.

पीएम मोदी की यात्रा का मकसद – राज्य में अमन चैन की वापसी  

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का मकसद हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में कुकी और मौतयी समाज के बीच विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखकर शांति का संदेश देना है.

मणिपुर जाने से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने चार सितंबर को कुकी समुदाय के साथ संघर्ष विराम पर समझौता करवाया था ताकि यहां सड़कें खुल सकें और लोग हिंसा का रास्ता छोड़ आम जनजीवन में लौट सके. पीएम मोदी की मणिपुर यात्रा से पहले संघर्ष विराम पर हस्ताक्षर करवाना मोदी सरकार बड़ी सफलता थी.

मणिपुर में बीते दो साल से जारी खूनी हिंसा को मिलेगा विराम

दो साल पहले 2023 में मणिपुर के दो समुदाय कुकी और मैतई के बीच वर्चस्व को लेकर लड़ीई शुरु हुई, कुछ समय बाद ही खूनी संघर्ष में बदल गई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हिंसा के दौरान 260 से ज्यादा लोग हिंसा के दौरान मारे गये. हिंसा का रुप इतना विभत्स हो गया कि इसकी एक-एक तस्वीर ने मानवता को शर्मसार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. हजारों लोग अपना घर बार छोड़ने के लिए विवश हुए और आज भी सहायता शिविरों की शरण में रहने के लिए मजबूर हैं. उनके मकान या तो जल चुके हैं या हिंसा की भेंट चढ़ चुके हैं.

मणिपुर हिंसा के बाद विपक्ष के निशाने पर रहे पीएम मोदी

बीचे दो सालों से देश का विपक्ष लगातार ये मांग कर रहा था कि सरकार के मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री मोदी को राज्य में शांति की अपील करनी चाहिये और वहां जाकर लोगों का हाल जानना चाहिये. आखिरकार पीएम मोदी अब दो साल के बाद राज्य के दौरा पर पहुंचे हैं. उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी के दौरे के बाद और विकास परियोजनाओं की सौगात के बाद मिजोरम में  एक बार फिर से अमन और चैन की वापसी हो पायेगी.     

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