Friday, April 25, 2025

Bilkis bano केस के रिहा दोषियों को 21 जनवरी तक सरेंडर करने का आदेश, सरेंडर की तारीख आगे बढ़ाने की मांग खारिज

नई दिल्ली:बिलकिस बानो Bilkis bano के 11 दोषियों ने सरेंडर करने से पहले और वक्त दिए जाने की याचिका दायर की थी.सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश के मुताबिक सभी आरोपियों को सरेंडर करने का आदेश दिया है.21 जनवरी तक सभी आरोपियों को सरेंडर करना होगा. बिलकिस बानो मामले में दोषियों ने सरेंडर करने की अवधि को बढ़ाने की मांग की थी. उन्हें सुप्रीम कोर्ट से कल करारा झटका लगा.

Bilkis bano केस में दोषियों ने और वक्त मांगा था 

शीर्ष अदालत ने सभी दोषियों की ओर से दाखिल की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया है. जस्टिस बीवी नगररत्ना की पीठ ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से दो सप्ताह में आत्मसमर्पण करने के पिछले आदेश का अनुपालन किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा सभी याचिकाएं निराधार हैं और बेतूके आधारों पर हम सरेंडर करने की तारीख नहीं बढ़ा सकते.सभी दोषियों को 21 जनवरी को सरेंडर करना होगा.बिलकिस बानो के 11 दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद के स्वास्थ्य के साथ-साथ बूढ़े मां-बाप सहित कई पारिवारिक जिम्मेदारियां का हवाला दिया था.

गुजरात सरकार ने सबकी सजा की थी माफ

2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में यह सभी दोषी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे, लेकिन अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने उनकी सजा माफ कर दी थी. इन 11 दोषियों में बकाभाई वोहानिया,बिपिन चंद्र जोशी,केसरभाई वोहानिया, गोविंद जसवंत नाई,मितेश भट्ट,प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह,राजूभाई सोनी,रमेश चांदना और शैलेश भट्ट शामिल है.अपनी याचिका में नौ दोषियों ने 6 सप्ताह अतिरिक्त समय मांगा, जबकि एक ने चार सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा था.

सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिहाई पर उठाये सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को बिलकिस बानो के सभी 11 दोषियों की रिहाई को रद्द कर दिया था और आदेश दिया था कि सभी आरोपियों को दो सप्ताह के भीतर सरेंडर करना होगा.यह सभी आरोपी गुजरात के रहने वाले हैं. वही दोषियों ने दावा किया था जब से वह जेल से छुटे हैं तब से वह अपने परिवार के साथ रह रहे हैं और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी 11 दोषियों की रिहाई पर सवाल खड़े किए थे.कोर्ट ने कहा था कि महाराष्ट्र में दी गई सजा को माफ करने का अधिकार गुजरात सरकार के पास नहीं है. गुजरात सरकार ने मई 2022 के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर नहीं करके महाराष्ट्र सरकार की शक्ति छीन ली.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news