नागपुर : महाराष्ट्र में राजनीतिक हड़कंप के बाद केंद्रीय सड़क – परिवहन मंत्री नितिन गडकरी Nitin Gadkari ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान चुटीले अंदाज में महाराष्ट्र में हुई सियासी उठापटक पर अपनी प्रतिक्रिया दी.उन्होंने Nitin Gadkari किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन बातों बातों में कटाक्ष करते हुए कहा कि लोग सूट बूट बनवा कर तैयार थे कि उन्हें मंत्रिमंडल में जाने का मौका मिलेगा लेकिन अब सोच रहे हैं कि उसका क्या करें?
महाराष्ट्र की घटना पर केंद्रीय मंत्री नीतीन गडकरी का व्यंग- अपना देश और समाज दुखी आत्माओ का महासागर है. मंत्री बनने के लिए लोग सूट-बूट बनवाकर तैयार थे अब दुखी है कि उनका क्या करें#MaharashtraPoliticalCrisis #Maharashtra @nitin_gadkari @OfficeOfNG pic.twitter.com/4VGTTlESsU
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) July 7, 2023
Nitin Gadkari नागपुर शिक्षण संस्थान में बोल रहे थे
नागपुर में विद्यापीठ शिक्षण मंच गुरुवंदना एवं सत्कार समारोह के कार्यक्रम में शामिल होने गये केंद्रीय मंत्री ने अपने अंदाज में जम कर व्यंग्य किया. नितिन गडकरी Nitin Gadkari ने कहा कि अपने देश के लोग दुख के महासागर में डूबे हुए हैं. कई नगर सेवक हैं जो विधायक ना बनने के कारण दुखी हैं, कोई विधायक हैं जो मंत्रीपद ना मिलने से दुखी हैं, मंत्री हो तो अच्छा विभाग ना मिलने के कारण दुखी हैं. उन्होंने कहा कि जीवन मे अगर खुश रहना है तो ये मान लेना चाहिये कि हमारे पास जो है उसी में संतोष मान लेना चाहिये.
जिसे जो मिला उसमें संतोष करना चाहिये- गडकरी
कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा , UN में भूटान के प्रधानमंत्री ने डोमेस्टिक हैपी ह्युमन इंडेक्स का विषय रखा. यह अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है. हम सभी लोग दुखों का महासागर हैं. कोई खुश नहीं है. जो अब एकैडमिक काउंसिल में चुनाव जीतकर आये उन्हें लग रहा है अब आगे क्या, जिंदगी में कोई भी संतुष्ट नहीं है. संतुष्टी यह मानने पर है, अगर हमने यह बात स्वीकार कर ली कि हमें अपनी औकात और हैसियत से ज्यादा मिल गया है तो ही इंसान खुश रह सकता है, जो पार्षद है वो इसलिये दुखी है कि वो विधायक नही बन पाये, विधायक इसलिये दुखी है कि वह मंत्री नही बन पाये, मंत्री इसलिये दुखी है कि उन्हे अच्छे विभाग नहीं मिले, और जो मंत्री बनने ही वाले थे वो इसलिये दुखी हैं कि अपना चान्स अब आयेगा भी या नहीं. इतनी भीड़ हो गई है.कुछ लोग सूट सिलवा कर तैयार बैठे थे, कब चान्स मिलेगा,अब उस सूट का क्या किया जाये यह सवाल है. भीड़ हो गई है, मैंने कहा इस हॉल कि कैपिसिटी 2200 लोगों की है, कितने भी लोग आए बैठ सकते हैं लेकिन मंत्रिमंडल की कैपिसिटी नहीं बढाई जा सकती. अपना देश और समाज दुखी आत्माओं का महासागर है.