पटना(PATNA): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 5 जनवरी से समाधान यात्रा निकालने वाले है. बुधवार को इसी में शामिल होने वह पटना से चंपारण के लिए निकल गए है. बिहार के सीएम राज्य के लोगों को समाधान का संदेश देने निकले हैं, इधर राजधानी पटना की सड़कों पर गरीब बेरोजगार छात्र BSSC के पेपर लीक होने के बाद उसे रद्द करने की मांग करने पहुंचे तो प्रशासन ने डंडा चलाकर उनका समाधान निकाल दिया गया. छात्रों की आवाज को दबाने के लिए मार-मार कर कुछ को घायल कर दिये गये तो कुछ हिरासत में ले लिये गये.
Breaking : BSSC अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, एक दर्जन छात्र घायल. मार्च के दौरान अभ्यर्थी बीएसएससी परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने की शिकायत के बाद छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.@BJP4Bihar @Jduonline @RJDforIndia @NitishKumar @yadavtejashwi pic.twitter.com/EwMQspTK8t
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) January 4, 2023
वैसे ये पहला मौका नहीं है जब बिहार में नीतीश सरकार ने हक की लड़ाई के लिए सड़कों पर आने वालों की समस्या का समाधान डंडे से निकाला है
13 दिसंबर 2022: BTET-CTET के अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज
याद कीजिये 13 दिसंबर 2022, पटना में BTET-CTET के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने तब जमकर लाठियां भांजी जब अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली की मांग को लेकर सड़क पर उतरे थे. डाक बंगला चौराहे पर जाम हटाने के नाम पर पुलिस ने जमकर लाठी भांजी और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ खदेड़ कर मारा . शिक्षक अभ्यर्थी 38 दिन तक अपनी मांगो को लेकर गर्दनीबाग में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते रहे लेकिन किसी ने सुध नहीं ली. जब किसी ने मांग पर ध्यान नहीं दिया तो छात्र अपने हक की लड़ाई के लिए प्रजातंत्र के मंदिर विधानसभा का घेराव करने निकले पड़े लेकिन संवेदनशील क्षेत्र के नाम पर उन्हें डंडा चलाकर डाक बंगला चौराहे पर ही रोक दिया गया और लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया गया.
22 अगस्त 2022: शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज.
राजधानी पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज. 2019 से बहाली का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूटा तो सड़कों पर उतर आये. सरकार बदली तो बेरोजगारों के उम्मीद हुई थी कि नई सरकार, जो केंद्र को रोजगार के नाम पर घेरती आ रही है, वो राज्य में युवाओं, बेरोजगारों के दर्द को समझेंगी लेकिन हुआ वही जो होता आया है.. आवाज उठाने वालो पर लाठी चार्ज .ये घटना देश भर में सुर्खियां बनी . हाथ में तिरंगा लेकर निकले छात्रों को पटना पुलिस के बड़े अधिकारी कैमरे के सामने जमकर मारा था. इस मामले में पूरे देश में पटना ADM केके सिंह अपने डंडे के साथ सुर्खियों में रहे. महीनों तक कार्रवाई की बात चलती रही लेकिन के नाम पर बस हुई खाना पूर्ति.
6 मई 2022: PMCH में नर्सिंग छात्रों पर लाठीचार्ज
PMCH में GNM नर्सिंग की 180 छात्राओं को प्रशासन की तरफ से 24 घंटे में हॉस्टल खाली करने का आदेश मिला था. नर्सिंग छात्राएं समय देने की मांग के साथ धरने पर बैठ गई . पुलिस ने आव देखा न ताव , हॉस्टल परिसर खाली कराने पहुंच गई और वहां धरने पर बैठी छात्राओं पर लाठी चार्जशुरु कर दिया. कई छात्राओं को चोट आई. पुलिस पर अस्पताल परिसर में छात्राओं को खदेड़ने के भी आरोप लगे. कई छात्राएं गंभीर रुप से घायल हुआ. पुरुष पुलिस कर्मियों ने नर्सिंग छात्रों पर डंडे बरसाये थे.
7 मार्च 2022: जाप कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज
नीतीश सरकार लाठी चार्ज के मामले में कोई भेदभाव नहीं रखती है. जो भी कोई रोजगार,भ्रष्टाचार जैसे सवाल के साथ प्रदर्शन के लिए निकलता है उनका स्वागत पटना पुलिस डंडे के साथ करती है. 7 मार्च को पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी बिहार में बढ़ते अपराध, महिलओं के खिलाफ अपराध, छात्रों पर लाठी चार्ज के विरोध में प्रदर्शन करने निकली तो पटना की सड़कों पर पुलिस ने कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर मारा. इस पर पप्पू यादव ने कहा भी था कि जितनी पुलिस नीतीश सरकार ने उनके कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करने के लिए लगाया, उतनी पुलिस अगर कानून व्यवस्था पर लगाते तो बिहार के हालात कुछ अलग होते .
लाठीचार्ज, पानी के बौछार, आंसू गैस सब का इस्तेमाल कर लिया, ताकि कोई सरकार से अपने अधिकारों की मांग ना कर सके.
ये तो सिर्फ कुछ बानगी है जब नीतीश सरकार ने छात्रों, अभ्यर्थियों और उनके हक की बात करने वालों के खिलाफ डंडा चला कर समस्या का समाधान निकाला. यहां गौर करने वाले वाली बात ये है कि जो नेता (नीतीश कुमार-जेपी आंदोलन) स्वयं छात्र राजनीति कर शिखर पर पहुंचे हैं वही नेता आज छात्रों की आवाज सुनने के लिए तैयार नहीं है. ये कैसी दोहरी मानसिकता है कि एक तरफ सरकारी तंत्र हक के लिए सड़कों पर उतरे 20-22 साल के युवक-युवतियों पर डंडे का जोर चला कर उन्हें चुप कराने में लगे हैं वहीं सीएम नीतीश कुमार राज्य की जनता के बीच समाधान यात्रा निकाल रहे हैं.
समाधान यात्रा का मकसद क्या है?
यहां सवाल उठता है कि आखिर यात्रा का असल मकसद क्या है? यात्रा किस समाधान के मकसद से निकाली जा रही है ? सीएम नीतीश की इस यात्रा का जरिये जनता के मुद्दों के समाधान के लिए निकले है या अपनी जमीन हकीकत का जायजा लेने निकले है.
25 दिन तक समाधान यात्रा पर रहेंगे सीएम
आपको बता दें बुधवार को सीएम नीतीश कुमार लाव लश्कर के साथ सीएम हाउस से निकले. सीएम नीतीश बिहार में 25 दिन तक समाधान यात्रा पर रहेंगे. नीतीश कुमार समाधान यात्रा की शुरुआत महात्मा गांधी के आंदोलन भूमि चंपारण से कर के बिहार की जनता को ये संदेश देने निकले है कि राज्य में उनके नेतृत्व में जनता की हर समस्या का समाधान निकलेगा. सीएम की यात्रा 29 जनवरी तक चलेगी.
समाधान यात्रा पर निकले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार… चंपारण से करेंगे यात्रा का शुरुआत.29 जनवरी तक मुख्यमंत्री करेंगे यात्रा..#Bihar pic.twitter.com/5FaZELsHAn
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