Sunday, June 22, 2025

‘क्या लश्कर शामिल था?’: पहलगाम हमले को लेकर UNSC सदस्यों ने पाकिस्तान से पूछे ‘कड़े सवाल’

- Advertisement -

सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान को कड़े सवालों से दो चार होना पड़ा. समाचार एजेंसियों पीटीआई और एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच “संयम” और “वार्ता” का आह्वान किया गया.

UNSC सदस्यों ने पाकिस्तानी की “फॉल्स फ्लैग” नरेटिव को नकारा

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, दूतों ने पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की संलिप्तता पर इस्लामाबाद के समक्ष कथित तौर पर “कठोर प्रश्न” रखे और “फॉल्स फ्लैग” की कहानी को स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया.
बैठक में आतंकी हमले की व्यापक निंदा की गई और जवाबदेही की आवश्यकता को मान्यता दी गई. अज्ञात सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि कुछ सदस्यों ने कथित तौर पर धार्मिक आस्था के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया.

पाकिस्तान ने की थी “बंद कमरे में परामर्श” की मांग

अस्थायी सदस्य पाकिस्तान द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों की तनावपूर्ण स्थिति पर चर्चा करने के लिए अनौपचारिक बैठक का अनुरोध करने के बाद “बंद कमरे में परामर्श” बुलाया गया था.
भारत ने कहा है कि उसे हमले में सीमा पार संबंधों के स्पष्ट सबूत मिले हैं, जबकि पाकिस्तान ने अपनी भूमिका से इनकार किया और इसके बजाय चीन और रूस जैसी अंतरराष्ट्रीय शक्तियों की भागीदारी के साथ “तटस्थ” तीसरे पक्ष की जांच के लिए तत्परता व्यक्त की.
हलांकि हिंदुस्तान अखबार की वेबसाइट जिसने ये खबर की वह खुद इस घटनाक्रमों की प्रामाणिकता पुष्टि नहीं कर रहा है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को लेकर पाकिस्तान ने क्या कहा

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में देश के उद्देश्य “काफी हद तक पूरे हुए और हासिल किए गए”
अहमद ने दावा किया कि बैठक ने सदस्यों को “बिगड़ते सुरक्षा माहौल” पर चर्चा करने और टकराव से बचकर स्थिति को कैसे संबोधित किया जाए, इस पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर दिया, जिसके “गंभीर परिणाम” हो सकते हैं.
इस बात पर जोर देते हुए कि पाकिस्तान “अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है,” अहमद ने परिषद के सदस्यों को उनकी भागीदारी और संयम, तनाव कम करने और बातचीत के लिए उनके आह्वान के लिए धन्यवाद दिया.
पाकिस्तान रोटेटिंग प्रेसीडेंसी के मानदंड के अनुसार जुलाई 2025 के महीने के लिए परिषद का नेतृत्व करेगा.

भारत ने सुरक्षा परिषद के हस्तक्षेप की पाकिस्तानी मांग को विफल कर दिया- सैयद अकबरुद्दीन

पूर्व भारतीय दूत ने कहा कि दिखावा विफल रहा है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने पीटीआई से कहा कि ऐसी चर्चा से कोई “परिणामकारी परिणाम” की उम्मीद नहीं की जा सकती है, “जहां संघर्ष में शामिल एक पक्ष परिषद की अपनी सदस्यता का उपयोग करके धारणाओं को आकार देने का प्रयास करता है. भारत ऐसे पाकिस्तानी प्रयासों को विफल करेगा.” बैठक के परिणाम पर टिप्पणी करते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, “अतीत की तरह आज भी पाकिस्तान का दिखावा विफल रहा. जैसी कि उम्मीद थी, परिषद की ओर से कोई सार्थक प्रतिक्रिया नहीं आई. भारतीय कूटनीति ने एक बार फिर सुरक्षा परिषद के हस्तक्षेप की मांग करने के पाकिस्तानी प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया है.”

ये भी पढ़ें-Supreme Court ने जजों की संपत्ति सार्वजनिक की, जानिए CJI संजीव खन्ना और अन्य के पास क्या-क्या है?

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news