दिल्ली में 25 जून को मानसून के दस्तक देने के बाद से ही बादलों ने दिल्ली में डेरा डाल लिया था. लेकिन शनिवार का दिन दिल्ली वालों के लिए यादगार हो गया. सीएम के मुताबिक सीज़न की 15 प्रतिशत बारिश एक दिन में हो गई तो मौसम विभाग ने कहा कि 20 साल का रिकोर्ड टूट गया.
इंडिया मेटस्काई वेदर के मुताबिक शनिवार को दिल्ली के सफदरजंग इलाके में जुलाई के महीने में 24 घंटों में तीसरी सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई, क्योंकि 8-9 जुलाई सुबह 8:30 बजे के बीच स्टेशन पर 153 एमएम बारिश दर्ज की गई. हलांकि इसके बावजूद 20-21 जुलाई 1958 का 266 एमएम का रिकॉर्ड नहीं टूटा. इंडिया मेटस्काई वेदर ने ट्वीट कर बताया कि दिल्ली के बाकी वैदर स्टेशन पर कितनी बारिश रिकॉर्ड की गई.
एनसीआर जोन के कुछ अन्य स्टेशन
•रिज 134 एम.एम
•लोधी रोड 123.4 एम.एम
• दिल्ली विश्वविद्यालय 118 एम.एम
•आईएमस्काई-बेस[ई डेल-जीजेडबी) 121 एमएम
•जापरपुर 89.5 एम.एम
इंडिया मेटस्काई वेदर ने कहा कि रविवार शाम तक और बारिश होने की संभावना है.
दिल्ली वालों की परेशानी अग्निशमन विभाग के निदेशक की जुबानी
चंद घंटों में हुई तेज बारिश ने दिल्ली को बेहाल कर दिया. जगह जगह पानी जम गया. कई पेड़ टूट गए. मकानों की छते बैठ गई. दिल्ली के अग्निशमन विभाग के निदेशक, अतुल गर्ग ने बताया कि, कल (शनिवार) को हमें कुल 15 मकान गिरने की कॉल मिली, मेरी लाइफ में 1 दिन में यह सबसे ज्यादा मकान ढहने की कॉल थी और यह एक्सपेक्टेड भी थी क्योंकि कल (शनिवार) को बारिश काफी ज्यादा तेज हो रही थी जो पुराने या फिर बन रहे घर थे वो गिरे है. ऐसा नहीं था कि पूरे मकान गिरे, किसी की छत गिरी किसी की दीवार गिरी किसी का कुछ हिस्सा गिरा, जैसे देशबंधु कॉलेज की दीवार गिरी.
#DelhiRains : Delhi’s Deshbandhu College wall collapses, many vehicles damaged pic.twitter.com/2zEnxpPn7G
— Siddhant Anand (@JournoSiddhant) July 8, 2023
उन्होंने कहा, तीस हज़ारी के पास एक केस में 30 लोगों को रेस्क्यू किया गया था, एक करोल बाग के केस में एक डेथ हुई थी, रेस्क्यू की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि ऐसे मामलों में लोग अपने आप ही बाहर आ जाते हैं, इसलिए रेस्क्यू बहुत ज्यादा करना नहीं पड़ा, लेकिन कॉल का आंकड़ा काफी ज्यादा था.
सड़को पर भरा पड़ा था पानी
अतुल गर्ग ने कहा, इतनी ज्यादा कॉल आने पर चैलेंजेस काफी बढ़ जाते है, क्योंकि इतनी कॉल्स नार्मल टाइम में नहीं होती है, कल (शनिवार) को दूसरा चैलेंज एक बड़ा यह भी था कि सड़कों पर पानी भरा हुआ था जिस वजह से फायर टेंडर्स को ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्योंकि पता नहीं होता कि कहा गड्ढा है, इसके अलावा तेज़ बारिश में भी काम करना पड़ता है, विजिबिलिटी काफी कम हो जाती है बारिश की वजह से, इसके अलावा जब बारिश में रेस्क्यू करना पड़ता है तो ये भी डर होता है कि बची हुई बिल्डिंग ना गिर जाए.
एक दिन में इतनी कॉल पहली बार देखी
उन्होंने कहा कि, मैंने 2002 में सर्विस जॉइन की थी जब से लेकर अब तक मैंने पहली बार एक दिन में इतनी कॉल देखी है. आज (रविवार ) ज़खीरा में एक मकान गिरा है, जिनमें कोई रहता नहीं था, लेकिन बच्चे वहां खेल रहे थे जो दब गए दो को रेस्क्यू कर हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया है, अभी एक बच्चा ट्रैप है जिसका रेस्क्यू किया जा रहा है.
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