पटना: चुनाव के मौसम में अक्सर अजब गजब खबरें सुनाई और दिखाई देती हैं. ऐसा ही एक मामला बिहार में देखने में आया है, जहां कुख्यात बाहुबली Ashok Mahto ने 60 साल की उम्र में शादी रचाई है, और इसकी वजह से वो चर्चा में हैं. बिहार में ये चर्चा है कि राजद मुंगेर से Ashok Mahto को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दे सकती है. Ashok Mahto के उपर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज है, इसलिए उसे आशंका है कि अगर राजद ने उसे दिया भी तो आपराधिक बैंकग्राउंड के कारण उसके चुनाव पर किसी ना किसी तरह से रोक लगाई जा सकती है. इसी आशंका के मद्देनजर कहा जा रहा है कि 60 साल की उम्र होने के बावजूद उसने अपनी शादी रचाई है . अब शादी के बाद वो इस बात के लिए आश्वस्त है कि अगर उसे राजद से टिकट मिलता है तो वो खुद की जगह अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा सकता है.
Ashok Mahto अशोक महतो पर बनी है मशहूर बेवसीरीज ‘द बिहार चैप्टर’
वेब सीरीज ‘खाकी द बिहार चैप्टर’ अशोक महतो की आपराधिक दास्तान और बिहार पर उसके ठकस की कहानी है. अशोक महतो 17 साल से जेल में बंद था. 10 दिसंबर 2023 को उसकी जेल से रिहाई हुई थी. बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले लालू यादव ने अशोक महतो को बुलाकर कहा था कि चुनाव लड़ो. महतो को डर था कि अगर वह चुनाव लड़ेंगे तो कहीं आपराधिक इतिहास उसके आड़े ना आ जाये इस लिए उसने आनन फानन में दो दिन के अंदर शादी रचा ली. अशोक महतो ने लखीसराय की अनिता महतो से शादी रचाई है. अशोक महतो का तर्क है कि अब उसे टिकट मिले तो वो अपनी जगह पत्नी को चुनाव लड़वा सकता है .
Ashok Mahto को मुंगेर लोकसभा सीट से आरजेडी देगी टिकट !
अशोक महतो को शादी के लिए पहले तो लड़की नहीं मिल रही थी. खोजबीन के बाद मंगलवार की देर रात उनकी शादी की खबर आई है. लड़की लखीसराय की रहने वाली है और बख्तियारपुर करौटा में शादी हुई है. चर्चा है कि अशोक महतो अपनी पत्नी को मुंगेर लोकसभा से चुनाव लड़वा सकते हैं. अनीता लखीसराय के सूर्यगढा प्रखंड अंतर्गत बंशीपुर हेमजापुर इलाके की रहने वाले हरि मेहता की बेटी (46) है. वो अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहती हैं. वो दिल्ली की ही एक कंपनी में काम करती है. उसके पिता हरि प्रसाद सहनी PWD इंजीनियर थे. अनीता समसबार कुर्मी समाज से हैं. अशोक महतो धानुक कुर्मी समाज के हैं.
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आपको बता दें कि, अशोक महतो के नाम कई नरसंहार दर्ज हैं. इनमें सबसे भयावह है अपसढ़ नरसंहार. साल 2000 था. 11 मई की रात के 11 बज रहे थे. एक परिवार (नुनुलाल सिंह का परिवार) के 15 लोग छत पर सो रहे थे. घटना से 10 मिनट पहले हंसी मजाक का माहौल था. गार्जियन की डांट के बाद अभी आंख लगी ही थी कि अचानक अशोक महतो 50-60 गुर्गों के साथ आ धमका. गालियों के साथ गोलियां बरसाने लगा. लगभग 8 मिनट में उसने 300 राउंड से अधिक फायरिंग की और जो लोग गोलियों से बच गए उसे तलवार से काट दिया गया.
अशोक महतो के नाम पर बनाई थी वेब सीरीज
जब माहौल शनत हुआ तो छत पर 11 लाशें थी. मरने वाले में 10 साल के बच्चे और 50 साल के बुजर्ग शामिल थे. इससे पहले साल 1990 के दशक के अंत में बड़ी संख्या में जाति के लोगो की हत्या के लिए महतो और उसका गिरोह जिम्मेदार था. महतो और गैंगस्टर अखिलेश सिंह के बीच की लड़ाई की वजह से बिहार के नवादा, नालंदा और शेखपुरा जिलों के सौ से ज्यादा गांवों पर असर पड़ा था. IPS अधिकारी अमित लोढ़ा की किताब पर आधारित वेब सीरीज ‘खाकी था बिहार चैप्टर’, अशोक महतो के नाम पर बनी थी. इस वेब सीरीज का अशोक महतो के करीबियों ने विरोध भी किया था.
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इतना ही नहीं , नवादा जेल ब्रेक कांड के अलावा अशोक महतो तत्कालीन विधायक रणधीर कुमार पर हमला के मामले में भी आरोपित थे. बता दें कि 22 अगस्त 2012 को तत्कालीन विधायक रणधीर कुमार नगर क्षेत्र शेखपुरा से अपने गांव मुरारपुर के लिए रवाना हो रहे थे. उसी समय उनके गांव जाने के मार्ग में विधायक पर केन बम विस्फोट हमला कर जान लेने की कोशिश की गई थी. इस मामले में नवादा जेलब्रेक कांड के सजायाफ्ता कुख्यात अशोक महतो सहित अन्य लोगों को अभियुक्त बनाया गया था.