बिहार विधानसभा उपचुनाव में अब करीब एक महीने का समय बचा है. जेडीयू-आरजेडी बंधन ने दोनों जगहों पर आरजेडी उम्मीदवार को मौका दिया है. मोकामा से बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मैदान में हैं वहीं गोपालगंज में आरडेडी के प्रत्याशी मोहन गुप्ता चुनाव लड़ रहे हैं.
बीजेपी लगातार अपनी रणनीति बदल-बदल कर चुनाव प्रचार में लोगों को उतार रही है. शुक्रवार को बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि अब उनके लिए चिराग पासवान मोकामा और गोपालगंज मे प्रचार करेंगे. वहीं जेडीयू की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद आरजेडी उम्मीदवार नीलम देवी के प्रचार के लिए मोकाम जाने वाले थे लेकिन आखिरी वक्त में नीतीश कुमार ने दोनों सीटों पर जाकर प्रचार करने से किनारा कर लिया है. नीतीश कुमार के इस कदम से कई सवाल उठने लगे हैं कि क्या गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है? नीतीश कुमार ने आखिर मोकामा सीट पर चुनाव प्रचार ना करने की बात क्यों की. बताया जा रहा है कि इसके पीछे नीतीश कुमार और अनंत सिंह के आपसी रिश्ते हैं. अनंत सिंह और नीतीश कुमार के रिश्ते ठीक नहीं हैं.नीतीश कुमार ने गोपालगंज जाकर भी आरजेडी उम्मीदवार के लिए प्रचार करने से किनारा कर लिया है. आज तेजस्वी यादव गोपालगंज में आरजेडी उम्मीदवार मोहन गुप्ता के लिए रोड शो और रैली कर रहे हैं.
राजनीति में अक्सर नेता रंग बदल लेते हैं और एक पार्टी से दूसरे में जाकर अपनी सरकार बना लेते हैं लेकिन असली दिक्कत तब आती है जब उन्हें जनता के सामने जाना पड़ता है. राजनीतिक जानकारों की माने तो मोकामा गोपालगंज ना जाने के पीछे नीतीश कुमार की यही वजहें हैं. अब तक बीजेपी के साथ रहते हुए जिन लोगों के खिलाफ बोलते रहे हैं, अब उन्हीं के पक्ष में प्रचार करना भारी पड़ सकता है. इस लिए नीतीश कुमार ने प्रचार से कन्नी काट लिया है.