Monday, July 7, 2025

जेपीसी पर NCP प्रमुख शरद पवार का बयान निजी, अडानी मामले पर जेपीसी जरुरी- नाना पटोले

- Advertisement -

मुंबई: उद्योगपति गौतम अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से शुरु हुए बयानबाजी और विरोध के बीच संयुक्त विपक्ष के प्रमुख नेता शरद पवार के एक बयान से विपक्ष में ही खलबली मच गई और सत्ता पक्ष को ये कहने का अवसर मिल गया है कि राहुल गांधी की मांग को उनके सहयोगी ही नकार रहे हैं. राहुल गांधी की मांग को उनके सहयोगी ने खारिज कर दिया है . पवार के बयान को अब कांग्रेस निजी बयान कह कर खारिज करने में लगी हैं.

शरद पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि  शरद पवार ने क्या सोचकर कहा ये तो उन्हें नहीं पता लेकिन

‘अडानी घोटाले पर पीएम नरेंद्र मोदी अब तक चुप क्यों हैं?’

“अडानी इंडस्ट्री में 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं, जनता को जानने का अधिकार है.’

नाना पटोले ने उद्योगपति गौतम अडानी ग्रुप के मामले पर कांग्रेस का स्टैंड साफ करते हुए कहा कि अडानी उद्योग समूह में शेल कंपनियों के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये कहां से आए और यह किसका पैसा है, देश की जनता को यह जानने का अधिकार है.राहुल गांधी ने यह मांग की है और कांग्रेस पार्टी सहित देश के विभिन्न राजनीतिक दलों ने मांग की है कि अडानी घोटाले की जांच एक संयुक्त संसदीय समिति द्वारा की जानी चाहिए. इसलिए NCP अध्यक्ष शरद पवार की राय कुछ भी हो पर  घोटाले की सच्चाई का पता लगाने के लिए जेपीसी(JPC) जांच होनी ही चाहिए. नाना पटोले ने कहा कि मानते हैं कि जेपीसी हालांकि सत्ता पक्ष के सदस्यों की संख्या अधिक है, लेकिन सभी पार्टियों के सदस्य भी इस समिति में होंगे. अडानी घोटाले की सही स्थिति सामने आने के लिए जेपीसी जरूरी है. यूपीए सरकार के दौरान कोयला घोटाले के आरोपों के बाद कोर्ट कमेटी का गठन किया गया था लेकिन विपक्ष की मांग पर एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन भी किया गया था.अडानी घोटाले पर भले ही सांसद शरद पवार की राय अलग है, लेकिन कांग्रेस जेपीसी जांच को लेकर अड़ी हुई है.

LIC, State Bank of India, PF का पैसा मोदी सरकार द्वारा अडानी समूह में अवैध रूप से निवेश करने के लिए मजबूर किया गया था। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने किया अडानी समूह में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश और क्या जनता का पैसा सुरक्षित है? ऐसा सवाल उठाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी अडानी घोटाले पर बात क्यों नहीं कर रहे जबकि यह इतना बड़ा और गंभीर मुद्दा है? घोटाला न हो तो घबराने की क्या बात है? नाना पटोले ने सवाल भी पूछा ‘कर’ नहीं तो डर क्यों?’

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिया था क्या बयान?

NCP प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि संसद में फिलहाल सत्ता पक्ष के लोगों की संख्या ज्यादा है. जेपीसी में भी सत्ता पक्ष के मुकाबले विपक्ष के सदस्यों की संख्या कम है. जेपीसी(JPC) में 21 में से 15 सदस्य सत्ता पक्ष से होंगे , ऐसे में जेपीसी की क्या रिपोर्ट होगी इसका अनुमान लगाया जा सकता है.

संयुक्त विपक्ष के प्रमुख नेता और महाराष्ट्र में महाअघाड़ी में NCP कांग्रेस के साथ एक बड़ी पार्टी है . ऐसे में शरद पवार का जेपीसी को लेकर दिया गया बयान विपक्ष के लिए असहज स्थिति उत्पन्न करने वाला है.

शरद पवर ने अपने बयान पर दी सफाई

शुक्रवार के बयान के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज अपने बयान को लेकर सफाई दी और कहा कि उनका इरादा विपक्षी एकता को खतरे में डालना नहीं है .शरद पवार ने कहा कि जेपीसी की मांग की जगह पर सुप्रीम कोर्ट के पैनल द्वारा जांच कराने की मांग ज्यादा उचित है.सुप्रीम कोर्ट का पैनल ज्यादा अच्छी तरह से सच्चाई सामने ला सकता है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news