NCERT New Module : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी NCERT ने स्कूलों में पढ़ाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बंटवारे पर एक नया मॉड्यूल तैयार किया है.इस मॉड्यूल में आजादी के बाद देश के बंटबारे के लिए तीन लोगों – मोहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और लॉर्ड माउंटबेटन को जिम्मेदार ठहराया गया है. स्कूलों में कोर्स की किताबों मे पढ़ाये जाने वाले इस मॉड्यूल को अलग-अलग क्लासेस के हिसाब से तैयार किया गया है.
NCERT New Module में देश के बंटबारे पर क्या कहा है ?
200 सालों की अंग्रेजों की गुलाम के बाद स्वतंत्रता सैनानियों की अथक लड़ाई और बलिदान के बाद आजादी तो मिली लेकिन आजादी अधूरी थी क्योंकि भारत आजादी की लड़ाई तो लड़ा एक साथ लेकिन आजाद होते ही दो हिस्सों मे बंट गया. देश का बंटवारा आजादी की सबसे दर्दभरी यादों में से एक है. इस दौरान दोनों तरफ से लाखों लोग उजड़ गए, लाखों की जानें गई और करोड़ों लोगों का जीवन हमेशा के लिए बदल गया. आजादी की दर्द भरी यादों और तत्कालीन राजनीतिक-सामाजिक परिस्थितियों के बारे में आने वाली पीढी को बताने के लिए NCERT ने एक नया मॉड्यूल बनाया है. इस माड्यूल को वर्तमान समय के इतिहासकारों और विशेषज्ञों ने बनाया है,इसके जरिये छात्रों को ये बताया जायेगा कि आजादी के बाद भारत का विभाजन क्यों हुआ और इस विभाजन के पीछे जिम्मेदार कौन था ?
भारत विभाजन के तीन किरदार
NCERT ने अपने नये कोर्स में ये बताया है कि भारत के विभाजन के लिए तीन कारक जिम्मेदार थे.
मोहममद अली जिन्ना – जिन्होंने पाकिस्तान की मांग की.
कांग्रेस – इन्होने हालात के आगे झुककर बंटवारे को स्वीकार किया.
लॉर्ड माउंटबेटन – अंग्रेजी राज के आखिरी वायसराय जिन्होंने आजादी के बाद पूरी प्रक्रिया को जल्दबाजी में अंजाम दिया.
NCERT ने इस माड्यूल में ये बताने की कोशिश की है कि अब तक जिस बंटबारे को केवल ‘जिन्ना की जिद’ बताया जाता था वो असल में जिन्ना की जिद के साथ कुछ और भी था, जिसे लोग नहीं जानते हैं. अब इसी तथ्य को NCERT ने व्यापक रूप दिया है.
NCERT के इस माड्यूल में भारत की आजादी के इतिहास को अलग नजरिये से देखने की कोशिश की गई है, जो बताती है कि भारत को दो टुकड़े करना मजबूरी थी लेकिन उसका दंश देश आज भी भुगत रहा है.
क्या जरुरी था भारत-पाकिस्तान का विभाजन ?
NCERT ने नये कोर्स मॉडयूल में इसके बारे में विस्तार से बात की है कि क्या आजादी के बाद भारत का बंटवारा करके पाकिस्तान बनाना जरुरी था. पुस्तक में इस बात पर जोर डाला गया है कि बंटबारा जरुरी नहीं था. दोनो देशों के बीच कुछ गलत विचारों वाले लोग थे, जिनके कारण भारत और पाकिस्तान अलग हुए. तत्कालीन कांग्रेस ने आजादी के बाद देश में शुरु हो चुके गृहयुद्ध की स्थिति से बचने के लिए विभाजन को स्वीकार किया था. पुस्तक में इस बात को स्वीकार किया गया है कि पंडित नेहरू ने इसे देश को ‘ बेहद खराब परिस्थिति’ से बचाने के लिए बंटबारे की मांग को मानना बेहतर समझा, हलांकि राष्ट्रपित महात्मा गांधी ने इसका विरोध किया था . तत्कालीन नेताओं ने इस कड़वे इलाज को ही सही इलाज के रुप में देखा.
नये मॉड्यूल में तथ्यों से बिफरी कांग्रेस, कहा आग लगा देनी चाहिये एसी किताबों को ….
कांग्रेस ने इस मॉडयूल में विभाजन के कारणों पर विरोध जताते हुए कहा कि देश का विभाजन कांग्रेस के कारण नहीं बल्कि हिंदु महासभा और मुस्लिम लीग की मिली भगत से किया गया था.कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि इतिहास में अगर कोई सबसे बड़ा विलेन है तो वो राष्ट्रीय स्वंमसेवक संघ हैं.
“आग लगा दीजिए ऐसी किताब को जिसमें इतिहास तोड़मरोड़ कर लिख रहे”
◆ कांग्रेस नेता पवन खेड़ा NCERT किताब मॉड्यूल पर कहा @Pawankhera #NCERT | NCERT Book Module pic.twitter.com/oKFCnujZ3Y
— News24 (@news24tvchannel) August 16, 2025
‘मुस्लिम्स अगेंस्ट पार्टिशन’ को NCERT कोर्स में शामिल करे – ओवैसी
वहीं AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि NCERT को “शम्सुल इस्लाम की किताब ‘मुस्लिम्स अगेंस्ट पार्टिशन’ को कोर्स में शामिल करना चाहिये. विभाजन के बारे में बार-बार झूठ बोला जाता है. उस समय 2-3% मुसलमानों को भी वोट देने का अधिकार नहीं था और आज लोग विभाजन के लिए हमें दोषी ठहराते हैं. हम इसके लिए हम कैसे ज़िम्मेदार हैं? जो यहाँ से भाग गए, वे भाग गए. जो वफ़ादार थे, वे यहीं रहे.
एनसीईआराटी के इस नये मॉड्यूल ने एक बार फिर से भारत पाकिस्तान के बीच हुए बंटबारे के दर्द को हरा करने की कोशिश की है. नई पीढी को आजादी की लड़ाई के बारे में अब नये नजरियो से देखने के लिए तथ्य रखे जा रहे हैं. कांग्रेस और विपक्षी दल इसे आजादी की लड़ाई का अपमान बता रहे हैं.