मोरबी(Morbi)गुजरात,
पूरी रात चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद और भी शव पच्छू नदी में मिले.मृतकों की संख्या 133 पहुंच गई है.सेना और NDRF की टीम बचाव कार्य में लगी हुई है.
घटना स्थल से जो दृश्य सामने आ रहे हैं उसमे दिख रहा है कि पानी में ज्यादातर छोटे छोटे जूते चप्पल और सामान हैं. इससे साफ है कि मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं.
प्रशासन ने मृतकों के परिवार के लिए 6 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है लेकिन सवाल उठता है कि
* 6 लाख रुपये में क्या जिंदगी वापस आ सकती है?
*इन मौतों के लिए जो जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है?
*जब पुल पर जाने के लिए पर्ची काटी जा रही थी तब भी सौ से ज्यादा लोगों को कैसे टिकट दिया गया?
* पुल की सुरक्षा जांच करने वाली एजेंसी की चेतावनी के बावजूद यहां क्षमता (100 लोग) से ज्यादा लोगों को कैसे आने दिया गया?
*आखिर ऐसी क्या जल्दी थी कि बिना सुरक्षा सर्टिफिकेट के 140 साल पुराने पुल को खोलने की अनुमति दी गई?
*थोड़े से पैसों के लिए इतनी जिदगियों को जोखिम में डालने की इजाजत कैसे मिली?
*क्या प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार नहीं है, लोगों की जान की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है?