पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ये कह कर सनसनी फैला दी कि रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है.
रामचरित मानस समाज को बांटने वाला ग्रंथ
दरअसल शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने गए थे. दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरित मानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बता दिया. संबोधन के दौरान ये बातें सुनकर सब हैरान रह गए.
बिहार के शिक्षा मंत्री के विवादित बोल-'रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ'.शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है.नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कही ये बात. pic.twitter.com/roUC4hztja
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) January 11, 2023
भाषण के बाद जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तब भी वो अपनी बातों पर डटे रहे. शिक्षा मंत्री ने रामचरित मानस के एक अंश पर सवाल उठाया. उन्होंने रामचरित मानस की एक चौपाई भी सुनाई जिसका मतलब समझाते हुए उन्होंने कहा कि इस चौपाई का अर्थ है कि अधम या नीच विद्या ग्रहण करने योग्य नहीें होता है. विद्या पाकर वो जहरीला हो जाता है जैसे सांप दूध पीकर जहरीला हो जाता है.
मनुस्मृति को इसीलिए जलाया गया था
शिक्षा मंत्री ने कहा कि केवल रामचरितमानस ही नहीं बलकि मनुस्मृति और गोलवलकर का BUNCH OF THOUGHTS भी समाज में जहर बोने का काम करता है.इसलिए इन ग्रंथों का विरोध किया गया.इसलिए मनुस्मृति को जलाया गया था.

