Manipur CM resigns : मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अचानक अपने पद से रविवार को इस्तीफ दे दिया है. मणिपुर में पिछले 20 महीनों से लगातार जारी हिंसा के बीच कई बार राज्य के मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की जाती रही लेकिन सीएम एन बीरेन सिंह ने पद से इस्तीफा नहीं दिया. मणिपुर के साथ-साथ राजधानी दिल्ली में भी विपक्ष लगातार केंद्र सरकार और राज्य सरकार से मणिपुर सीएम के इस्तीफे की मांग करता रहा लेकिन बीरेन सिंह ने इस्तीफा नहीं दिया. अब अचानक दिल्ली आकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद एन बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
Manipur CM resigns : एन बीरेन सिंह ने क्यों दिया इस्तीफा ?
जानकारों का मानना है कि मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह ने राज्य में लगातार बढ़ रहे असंतोष, खास कर अपने नेतृत्व के खिलाफ ही प्रदेश भाजपा में बढ़ते विरोध को देखते हुए इस्तीफा दिया है.खबर है कि मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ कांग्रेस विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने और शक्ति परीक्षण की तैयारी कर रही है.ऐसे में माना ये जा रहा है कि राज्य बीजेपी में बढ़ते विरोध के कारण फ्लोर टेस्ट में विधायक पार्टी व्हीप का भी उल्लंघन कर सकते थे. इस बीच कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी ने भी बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. हालांकि कॉनराड संगमा के समर्थन वापस लेने के बाद भी भाजपा के पास सदन में पर्याप्त संख्या बल मौजूद है लेकिन फ्लोर टेस्ट में अगर भाजपा के विधायक राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर पार्टी के व्हीप की अवहेलना कर देते तो स्थिति खराब हो सकती थी. माना जा रहा है कि इसी संभावना को टालने के लिए सीएम बीरेन सिंह ने केंद्रीय नेतृत्व से बात करके पद छोड़ने का फैसला किया है.
रविवार को दिल्ली में बीरेन सिंह ने की जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात
बीरेन सिंह रविवार की सुबह दिल्ली पहुंचे, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले. पार्टी सूत्रों के मुताबिक 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा में लगभग 12 विधायक ऐसे हैं जो नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं.यहां तक की सूत्रों के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष थोक्चोम सत्यब्रता सिंह और सीएम एन बीरेन सिंह के बीच भी मतभेद हैं. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल दिल्ली की बड़ी जीत को देखते बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व नहीं चाहता कि मणिपुर की स्थिति से कोई अलग कहानी बने.
वीरेन सिंह ने इस्तीफे में क्या लिखा है ?
सीएम बीरेन सिंह ने राज्यपाल को जो पत्र लिखा है उसमें वो हर मणिपुरी के हितों की रक्षा की बात करते दिखाई दे रहे हैं. मणिपुर में पिछले लगभग दो साल से चल रही जातीय हिंसा के दौरान समय पर हस्तक्षेप, कार्रवाई और विकासात्मक कार्य करने और विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है . राज्यपाल को लिखी अपनी चिटठी में उन्होंने लिखा है कि ‘आपके कार्यालय के माध्यम से केंद्र सरकार से मेरा ईमानदारी से अनुरोध है कि इसे जारी रखा जाए. हजारों वर्षों से समृद्ध और विविध सभ्यता व इतिहास वाले मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने, सीमा पर घुसपैठ पर नकेल कसने और अवैध अप्रवासियों के निर्वासन के लिए नीति तैयार करने और ड्रग्स और नार्को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सबसे प्रमुख हैं.’

64 साल के एन बीरेन सिंह ने मणिपुर में पहली बार भाजपा की जीत के बाद 15 मार्च 2017 को प्रदेश के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, फिर 2022 में हुए चुनाव में जीत हासिल करते हुए प्रदेश में भाजपा की सत्ता बरकरार रखी थी.
फिर 3 मई 2023 में राज्य में मैतई और कुकी समुदाय के बीच भयानक जातीय हिंसा शुरु हुई जिसमें राज्य सरकार की भयानक लापरवाही नजर आई औऱ देश और दुनिया ने देखा की किस तरह से मणिपुर जातीय हिंसा की आग में जलता रहा लेकिन प्रदेश की सरकार इस संभालने में नाकाम रही.आखिरकार लगातार पद से इस्तीफा देने की मांग को पूरा करते हुए एन बीरेन सिंह ने अपना इस्तीफा राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को सौंप दिया है.