Friday, November 8, 2024

‘सवाल पूछने के बदले घूस’ का आरोप लगाने वाले Nishikant Dubey पर Mahua Moitra का हमला

दिल्ली :  टीएमसी सांसद महुआ मोईत्रा Mahua Moitra ने ‘सवाल पूछने के बदले घूस” लेने का आरोप लगाने वाले बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट में मानहानि का मुकदमा ठोक दिया है. महुआ मोइत्रा  Mahua Moitra ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उनपर अपने खिलाफ मानहानि की साजिश रचने का आरोप लगाया है. तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहद्राई और कुछ मीडिया संगठनों के खिलाफ भी केस दर्ज कराया है. महुआ ने अपनी शिकायत में लिखा है कि उनके खिलाफ बीजेपी सांसद ने निराधार आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है.

दिल्ली हाई कोर्ट में Mahua Moitra का मामला

महुआ मोइत्रा के खिलाफ निशिकांत दुबे और जय अनंत देहाद्राई की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए लिस्टेड थी. निशिकांत दुबे और देहाद्राई ने आरोप लगाया था  कि लोकसभा में सवाल पूछने के लिए सासंद महुआ मोइत्रा ने  ”रिश्वत” ली थी. याचिका मंगलवार को न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ के समक्ष लगाई गई थी. कोर्ट ने कहा कि अब वह इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेगा.

पालतू कुत्ते को लेकर अनंत देहद्राई से चल रहा है विवाद

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक महुआ मोइत्रा का जय अनंत देहद्राई के साथ पालतू कुत्ते को लेकर झगड़ा चल रहा है. टीएमसी सांसद ने पिछले 6 महीनों में जय अनंत देहद्राई को खिलाफ कथित आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के मामले में कई पुलिस शिकायतें दर्ज कराई हैं.

निशिकांत दुबे ने लिखा था ओम बिड़ला को पत्र

इस मामले में बीजेपी के लोकसभा सांसद निशिकांत दूबे ने स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिखकर मोइत्रा पर संसद में प्रश्न पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और ‘उपहार’ के रूप में ‘रिश्वत’ लेने का आरोप लगाया था. दुबे ने अपने पत्र में स्पीकर से महुआ मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी आग्रह किया था. उन्होंने लिखा था, “मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि पिछली मिसाल का पालन करते हुए एक ‘जांच समिति’ का गठन करें. मैं आपसे यह भी अनुरोध करता हूं कि अंतराल अवधि के दौरान, यानी एक ‘जांच समिति’ के गठन और उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के दौरान, श्रीमती महुआ मोइत्रा को सदन की सेवाओं से तुरंत निलंबित किया जा सकता है.”

निशिकांत दुबे ने इस मामले में  केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी पत्र लिखा और उनसे मांग की कि महुआ मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच की जाये.

हिरानंदानी समूह ने दी सफाई कहा-आरोपों में ‘कोई दम नहीं’

निशिकांत दूबे ने दावा किया था कि वकील जय अनंत देहाद्राई ने उनके और दर्शन हीरानंदानी के बीच “रिश्वत के आदान-प्रदान के अकाट्य सबूत साझा किए थे. हलांकि इस मामले में हीरानंदानी समूह ने भी अपनी सफाई दी है और कहा है कि आरोपों में ‘कोई दम नहीं’ है. हीरानंदानी समूह ने कहा कि  “हम हमेशा व्यवसाय में रहे हैं, न कि राजनीति के व्यवसाय में. हमारे समूह ने हमेशा राष्ट्र के हित में सरकार के साथ काम किया है और आगे भी करते रहेंगे”,

आपको बता दें, बीजेपी सांसद की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंगलवार को लोक सभा की आचार समिति को भेज दिया. लोकसभा की आचार समिति के अध्यक्ष बीजेपी सदस्य विनोद कुमार सोनकर हैं.

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