देश की सबसे बड़ी और सरक्षित जेल कहे जाने वाली तिहाड़ जेल लगातार हो रहे गैंगवॉर के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. पिछले एक से दो महीनों में दो से ज्यादा हत्याओं ने जेल प्रशासन और तिहार जेल की सुरक्षा पर बट्टा बैठा दिया है. ऐसे में टिल्लू की हत्या के बाद तिहाड़ प्रशासन को जेल में बड़ी गैंगवॉर होने की आशंका जताई जा रही है. इस गैंगवॉर को रोकने के लिए जेल प्रशासन खूंखार गैंगस्टर्स की लिस्ट बनाकर उन्हें दूसरी जेलों में शिफ्ट कर रहे हैं. सिर्फ इतना ही नहीं इन गैंगवॉर को रोकने के लिए पुलिस फाॅर्स के सबसे दबंग अधिकारियों को उनकी जेल में ट्रांसफर करने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
दरअसल तिहाड़ प्रशासन को तिहाड़ जेल में टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद अब बड़े स्तर पर जेल में गैंगवार होने की आशंका है और यही वजह है अब तिहाड़ प्रशासन जेल के भीतर कई बदलाव कर रहा है. तिहाड़ सूत्रों के मुताबिक अब जेल में उन तमाम बदमाशो की पहचान की जा रही है जो किसी न किसी गैंग से जुड़े है और उनको काफी थ्रेट है, ऐसे बदमाशो को अब अलग अलग जेलों में उनके राइवलरी गैंग से दूर शिफ्ट किया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक तिहाड़ जेल में बंद टॉप गैंगस्टर और उसके गुर्गों को मिलाकर करीब 1 हज़ार से ज्यादा कैदी हैं. इनमें वो कैदी शामिल है जो साइलेंट मोड पर रहते है और अचानक अपने राइवलरी गैंग के सदस्यों पर हमला करते हैं.
तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक अब तिहाड़ जेल में जेल स्टाफ को भी रिशफल किया जा रहा है, और उन स्टाफ की लिस्ट तैयार की जा रही है जो दबंग है और शरीर से भी मजबूत है, जिसके बाद उन अधिकारियों को उन जेलों में ट्रांसफर किया जाएगा जहां यह तमाम बड़े गैंगस्टर और खूंखार कैदी बंद है. ताकि उन पर काबू पाया जा सके.
सूत्रों के मुताबिक कौन सा कैदी किस गैंग का है इसकी पहचान कर उनकी लिस्ट तैयार की जा रही है और इसके लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की भी तिहाड़ प्रशासन मदद ले रही है. जिससे अलग अलग गैंग के गैंगस्टर्स और उनके गुर्गो की पहचान हो सके और उनको राइवलरी गैंग से दूर शिफ्ट किया जा सके.
तिहाड़ जेल में बंद करीब 30 से 35 ऐसे गैंगस्टर है जिन्हें गैंग वार के चलते सबसे ज्यादा जान का खतरा है. उनमे से कुछ के नाम गैंगस्टर नवीन बाली, गैंगस्टर नीरज बवाना और उसके गुर्गे अशोक प्रधान, दीपक बॉक्सर जैसे 30 से 35 बड़े गैंगस्टर तिहाड़ में बंद है. जिनको सबसे ज़्यादा मारने के थ्रेट्स हैं. ऐसे में इन 30 से 35 कैदियों की सुरक्षा तिहाड़ प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं.
इसके अलावा तिहाड़ जेल प्रशासन अब तिहाड़ जेल की सिक्योरिटी एसेसमेंट कमेटी में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच को भी शामिल कर रही है जिससे कौन सा कैदी किस गैंग से जुड़ा है इसकी पहचान की जा सके और उसको सुरक्षित कहीं और शिफ्ट किया जा सके.
तिहाड़ जेल प्रशासन के मुताबिक इस साल 31 अप्रैल तक जेल प्रशासन ने तिहाड़ जेल, रोहिणी जेल और मंडोली जेल में दर्जनों रेड की है. इस दौरान कई चीजें भी बरामद की है. तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक पिछले 4 महीनों में जेल प्रशासन ने 637 मोबाइल फोन 323 धारदार और नुकीले हथियार 103 पेनड्राइव और साढ़े तीन किलो से ज्यादा तंबाकू बरामद किया है.
इसके साथ ही पुलिस टिल्लू की हत्या मामला में भी तेज़ी से कार्रवाई कर रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चवन्नी और अता उर रहमान नाम के दो और कैदियों को गिरफ्तार किया है. अब तक इस मामले में कुल 6 गिरफ्तार हो चुके हैं. अता उर रहमान पर आरोप है कि उसने हत्या में इस्तेमाल धारदार हथियार को ठिकाने लगाने में आरोपियों की मदद की थी. तो वहीं दूसरे आरोपी चवन्नी ने सीसीटीवी कैमरे पर चादर ढकी थी. जिससे की आरोपी सीसीटीवी कैमरे की नज़र ये बच सके.