बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव K K Pathak भले ही प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली भेज दिये गये है लेकिन बिहार में फिलहाल उनके तेवरों पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है.वो अभी भी फुल फॉर्म में नजर आ रहे हैं. K K Pathak आज दिन में गोपालगंज पहुंचे और थावे स्थित बुनियादी विद्यालय समेत कई सरकारी विद्यालयों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान K K Pathak ने अधिकारियों को स्कूलों की चारदीवारी, क्लासरूम में रोशनी, गर्मी से बचने के लिए पंखा और शुद्ध पेय जल सहित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये.
K K Pathak ने मौजूद अधिकारियों को दिए कई दिशा निर्देश
के.के पाठक ने थावे के डायट में टोला सेवक और तालिमी मरकज के छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए. शिक्षण शिविर में पहुंचे केके पाठक ने टोला सेवकों को सरकार से बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात कहते हुए कहा कि गांव से स्कूल की दूरी को पाटने के लिए सरकार ने टोला सेवक और तालिमी मरकज की बहाली की, ताकि बच्चों की उपस्थिति बढ़ सके.के के पाठक ने कहा कि इसके पहले कभी भी टोला सेवकों का आवासीय प्रशिक्षण नहीं हुआ था और अब कंप्यूटर का प्रशिक्षण भी उन्हें दिया जा रहा है. उत्साहित टोला सेवकों और तालिमी मरकज ने सरकार से मानदेय 25 हजार होने पर आभार जताया.
बिहार में टोला सेवकों की संख्या करीब 26 हजार है. इन टोला सेवकों पर उन बच्चों को वापस स्कूल लाने की जिम्मेदारी है,जो किन्ही कारणों से स्कूल छोड़ चुके हैं.गोपाल गंज के एर प्राचार्य अभय कुमार सिंह का कहना है कि अब तक 7 लाख बच्चों को वावास स्कूल लाया जा चुका है, अब इसे 10 लाख पहुंचाने की लक्ष्य है.
वहीं, गोपालगंज के जिललाधिकारी मकसूद आलम ने कहा कि केके पाठक ने स्कूलों में अमूल परिवर्तन किया है और अब इंटर और मैट्रिक बोर्ड परीक्षा को लेकर नया विजन लाया है, इसके तहत अगले साल से स्कूल में परीक्षाएं भी होंगी और क्लास भी चलता रहेगा.
गोपालगंज आने से पहले के के पाठक ने बुधवार को सारण के डिस्ट्रिक्ट इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर का निरीक्षण किया औऱ यहां ट्रेनिंग ले रहे 220 ट्रेनी का प्रशिक्षण का जायजा लिया .के के पाठक ने प्रशिक्षण ले रहे ट्रेनीज को निर्देश दिया कि उन गरीब बच्चों को एक फिर से स्कूल लाना है जो किन्ही कारणों से सेकूल छोड़ चुके हैं.