Justice Yashwant Verma Impeachment : संसद के मानसून सत्र के शुरुआत के साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. संसद में 208 सासंदों ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाये जाने वाले महाभियोग के पक्ष में हस्ताक्षर किये हैं.
Justice Yashwant Verma Impeachment : लोकसभा और राज्यसभा अध्यक्ष को सौंपे गये पत्र
दिल्ली के सरकारी आवास पर मिले करोड़ों के नोटकांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का समर्थन करते हुए 208 सांसदों ने अपने हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपा है. सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनकड़ को ये हस्ताक्षर वाली चिट्ठियां सौंपी गई. अब इन चिट्ठियों पर जल्दी ही फैसला लिया जाएगा.
इस बारे में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्हें जस्टिस यशवंत वर्मा को उनके पद से हटाने को लेकर एक प्रस्ताव मिला है. जल्द ही इसपर राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल की तरफ से जरूरी प्रक्रिया पूरी की जायेगी और फिर आगे की कार्रवाई तय होगी.
जस्टिस यशवंत वर्मा का क्या है मामला
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस के पद पर तैनात यशवंत वर्मा के घर से इसी साल होली के दिन 14 मार्च को उनके सरकारी आवास के आउटहाउस में आग लग गई और जब फायर ब्रिगेड की टीम यहां आग बुझाने पहुची तो उन्हें यहां से करोड़ों के नोट अधजली हालत में मिले थे. जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास के आउट हाउस में करोड़ों के नोट बोरियों में भर कर रखे गये थे.
सुप्रीम कोर्ट कमिटी ने की थी महाभियोग की सिफारिश
आउट हाउस में आग लग जाने के कारण बड़ी सँख्या में नोट जल गये, और इसके बाद हुई छानबीन में ये उजागर हुआ कि यहां रखे नोट करोड़ों के नोट छुपा कर रखे गये थे.तब से लगातार जस्टिस वर्मा जांच के दायरे में हैं. मामले में खूब हो हंगामे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच के लिए तीन जजों की एक कमिटी बनाई जिसमें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शील नागू (अध्यक्ष) , हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन शामिल थे. इस कमिटी की जांच के आधार पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा को दोषी पाया था.
जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट हुआ ट्रांसफर
सुप्रीम कोर्ट ने त्वरित एक्शन लेते हुए जस्टिस वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया स हलांकि जस्टिस वर्मा यहां जस्टिस वर्मा को अब तक कोई न्यायिक काम नहीं मिला है. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की जिस कमिटी ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच की , उन्होने अपने दस्तावेजों के आधार पर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास सिफारिशें भेजी थीं. इसी आधार पर अब संसद के मानसून सत्र में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाया सकता है.