लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी कहे जाने वाले संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्याकांड मामले सबूत को को खंगालने के लिए हत्या के सीन को फिर से दोहराया गया. मामला शुक्रवार देर रात का है जब पुलिस ने फोरेंसिक टीम के साथ मिलकर क्राइम सीन को रीक्रिएट किया. इसके अलावा घटना से जुड़े लोगों के बयान दर्ज किए और CCTV फुटेज को भी बारीकी से खंगाला गया. हालांकि,मामले की जानकारी डीसीपी पश्चिमी राहुल राज ने फोटो शेयर कर दी है. वहीं, हत्या के आरोपी विजय से घटना से जुड़े तथ्य जानने के लिए विजय यादव उर्फ आनन्द को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस कोर्ट में अर्जी भी दे सकती है. ताकि हत्या से जुडी कुछ जरुरी जानकारियां हासिल की जा सके.
दरअसल बीते बुधवार को लखनऊ कोर्ट रूम के अंदर माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी गैंगस्टर संजीव जीवा को कुछ हत्यारों ने मौत के घात उतार दिया था. ऐसे में गैंगस्टर की हत्या से जुड़े मामले की जांच के सिलसिले में ही मर्डर सन को रीक्रिएट किया गया. मामले की जानकारी देते हुए जेसीपी लॉ एंड आर्डर उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि पूरी घटना की विवेचना को पूरा करने के लिए दो सहयोगी टीमें बनाई गई हैं. इनमें एक टीम विवेचक की लिखा- पढ़ी और दूसरी टीम तकनीकी मदद करेगी. जांच के लिए दो दरोगा और तकनीकी सहयोग के लिए सर्विलांस सेल के प्रभारी व तीन सिपाही को लगाया गया है.
वहीं शुक्रवार को लखनऊ जेसीपी लॉ एंड आर्डर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने इस हत्या के संबंध में मीडिया को बताया कि गोलियां बरसाने के मामले में 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। शुरुआती जांच में इनकी लापरवाही पाए जाने की बात सामने आई है. इन सभी पुलिसकर्मियों की कोर्ट परिसर के अलग-अलग गेट पर ड्यूटी तैनात थे. इसमें चार हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल हैं. वहीं इसकी जांच के लिए वजीरगंज थाना प्रभारी को नामित किया गया है. जो SIT टीम के अलावा इस मामले की जांच भी कर रहे हैं.