दिल्ली: बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. स्वर्गीय डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया (Uma Krishnaiah )ने सुप्रीम कोर्ट में आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती दी है. उमा कृष्णैया (Uma Krishnaiah )ने अपनी अपील में गुजारिश की है कि आनंद मोहन की समय पूर्व हुई रिहाई को रद्द किया जाये और उसे वापस जेल भेजा जाये.
उमा कृष्णैया ने याचिका में क्या कहा है?
डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया (Uma Krishnaiah ) ने सुप्रीम कोर्ट में दिये अपनी याचिका में कहा है कि आनंद मोहन को हुई सजा का मतलब उसके पूरे प्रकृतिक जीवन के लिए कारावास है,इसे केवल 14 साल की सजा के तौर पर नहीं देखा जा सकता है.याचिका में ये भी कहा गया है कि आनंद मोहन को पहले फांसी की सजा हुई थी, बाद में उसे बदला गया.लेकिन अदालत के इस फैसले का सही पालन नहीं किया गया और उसे रिहा कर दिया . उमा कृष्णैया ने अपनी याचिका में कहा कि अदालत के फैसले का कड़ाई से पालन होना चाहिये
आनंद मोहन की रिहाई को लिए कानून में संसोधन
बिहार सरकार ने हाल ही में कारा कानून मे संशोधन करते हुए ये तय किया कि उम्र कैद की सजा के दौरान जिस कैदी ने 14 साल की सजा पूरी कर ली है और जेल नियमों के मुताबिक उनका व्यवहार ठीक रहा है , उन्हें जेल से रिहा किया जा सकता है. इस संशोधित नियम के मुताबिक आनंद मोहन समेत 26 कैदियों को बिहार के अलग अलग जेलों से रिहा किया गया.
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वोट वैंक की राजनीति- आलोचकों का राय
आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार की राजनीति में बवाल मचा हुआ है. लेकिन पक्ष हो या विपक्ष कोई बी नंद मोहन की रिहाई को गलत नहीं बता रहा है. आलोचकों का कहना है कि ये सब केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि वोट वैंक की राजनीति का मामला है. कोई भी राजनीतिक पार्टी आनंद मोहन की रिहाई को गलत बताकर अगड़ों का वोट नहीं गंवाना चाहती है
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