कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार अपने चुनावी वादे पर कायम रहते हुए, पिछली बीजेपी सरकार के लगाए गए हिजाब बैन में ढील दे दी है. राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर मुस्लिम महिला छात्रों को कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण की आयोजित भर्ती/प्रतियोगी परीक्षाओं में उपस्थित होने के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति दी है.
हिजाब बैन हटाना कांग्रेस के चुनावी वादों में शामिल था
हिजाब पर प्रतिबंध हटाना कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के किए गए महत्वपूर्ण चुनावी वादों में से एक था. यह निर्णय मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर के नेतृत्व में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया.
हिंदू संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन का एलान
इस बीच, हिंदू समर्थक समूहों ने आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी. आपको बता दें पिछले साल उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में 6 लड़कियों को हिजाब पहन कर आने से रोकने पर ये विवाद शुरु हुआ था.
केंद्र सरकार ने NEET परीक्षा में दी है हिजाब पहनने की इजाज़त-शिक्षा मंत्री
इस बीच हिंदू संगठनों की घमकी पर कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने कहा, “लोग इस मामले में अनावश्यक विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ लोग सिर्फ भ्रम पैदा करने के लिए ये सब बोल रहे हैं. मैंने सभी की स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए कदम उठाया है. मुझे लगता है कि जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्हें NEET परीक्षा के दिशानिर्देशों को सत्यापित करना चाहिए. नियमों के अनुसार, हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति है. NEET परीक्षा में परीक्षार्थी अपनी इच्छानुसार कपड़े पहनकर परीक्षा दे सकते हैं,” सुधाकर ने स्पष्ट किया।
क्या है हिजाब विवाद
हिजाब विवाद जनवरी 2022 में तब भड़का जब उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज ने कथित तौर पर हिजाब पहनने वाली छह लड़कियों को प्रवेश से रोक दिया. इसके बाद प्रवेश न दिए जाने पर लड़कियों ने कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
इसके बाद उडुपी के कई कॉलेजों के लड़के भगवा स्कार्फ पहनकर कक्षाओं में जाने लगे. यह विरोध राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया, जिससे कर्नाटक में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन हुए.