फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 31 जनवरी (मंगलवार) को इकोनॉमिक सर्वे पेश कर दिया. इसमें कई ऐसी बातें हैं, जो आपको खुश कर देंगी. मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) वी अनंत नागेश्वरन ने इसे तैयार किया है. संसद में पेश होने के बाद खुद नागेश्वरन ने दिन में 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने आर्थिक सर्वे की मुख्य बातें बताईं. उन्होंने इस दौरान संवाददाताओं के सवालों के जवाब भी दिए. उनके साथ फाइनेंस मिनिस्ट्री के कुछ सीनियर अफसर भी मौजूद थे. इस सर्वे में इंडियन इकोनॉमी की अच्छी ग्रोथ अगले फाइनेंशियल इयर में भी जारी रहने की उम्मीद जताई गई है. साथ ही बढ़ती महंगाई से राहत मिलने की भी आस जगाई गई है.
इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ अच्छी रहेगी
इकोनॉमिक सर्वे में अगले फाइनेंशियल ईयर यानी 2023-24 में इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ 6-6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. ग्रोथ का बेसलाइन अनुमान 6.5 फीसदी है. हालांकि, यह इस फाइनेंशियल ईयर (2022-23) में 7 फीसदी की अनुमानित ग्रोथ के मुकाबले थोड़ा कम है, फिर भी यह दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा ग्रोथ है. अगले फाइनेंशियल ईयर में ग्रोथ थोड़ी कम रहने की वजह ग्लोबल इकोनॉमी पर मंडराता मंदी का खतरा है. अगर अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप जैसे देशों की इकोनॉमी की मुश्किल बढ़ती है तो उसका असर इंडियन इकोनॉमी पर भी थोड़ा पड़ सकता है.
बैंकों और एनबीएफसी की वित्तीय सेहत बेहतर हुई है
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने आर्थिक सर्वे की मुख्य बातों पर चर्चा के दौरान कहा कि अच्छी बात यह है कि कोरोना की मार से हमारी इकोनॉमी बाहर निकल चुकी है. उन्होंने कहा कि अब हमें इकोनॉमी की ग्रोथ को तेज बनाए रखने पर फोकस करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि कंपनियों, बैंकों और एनबीएफसी की वित्तीय सेहत बेहतर हुई है. उनकी बैलेंसशीट मजबूत हुई है. इससे इंडस्ट्री को कर्ज मिलने में दिक्कत नहीं आएगी. इससे ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.
महंगाई जल्द काबू में आ जाएगा
महंगाई के बारे में भी इकोनॉमिक सर्वे में अच्छी बातें कही गई हैं. इसमें महंगाई के जल्द काबू में आने का अनुमान जताया गया है. आर्थिक सर्वे के मुताबिक, इस फाइनेंशियल ईयर (2022-23) में एवरेज इनफ्लेशन 6.8 फीसदी रहेगा लेकिन अगले फाइनेंशियल ईयर में इसके 6 फीसदी से नीचे आ जाने की उम्मीद है. आरबीआई रिटेल इनफ्लेशन 6 फीसदी से कम चाहता है. पिछले कुछ महीनों में रिटेल इनफ्लेशन में कमी देखने को मिली है. इस ट्रेंड के आगे भी जारी रहने की उम्मीद है.
रानी वर्मा,स्वतंत्र पत्रकार