Monday, July 14, 2025

EC Arun goel resigns : लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने दिया इस्तीफा, क्या अकेले CEC राजीव कुमार करेंगे चुनाव 2024 के तारीखों का ऐलान?

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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के ऐलान में कुछ ही समय बचा है ऐसे में दो चुनाव आयुक्तों के ना होने से असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है. चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले एक EC Arun goel resigns निवार्चन आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है. हलांकि अरुण गोयल का कार्यकाल 2027 तक का था . इससे पहले निर्वाचन आयुक्त अनुप चंद्र पांडेय फरवरी में सेवानिवृत हो चुके हैं, और उनकी जगह पर अभी तक नये चुनाव आयुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है. ऐसे में अब सवाल ये है कि क्या लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों की ऐलान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अकेले करेंगे?

EC Arun goel resigns चुनाव आयोग में केवल मुख्य चुनाव आयुक्त मौजूद 

संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत भारत का नुर्वाचन आयोग भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अतिरिक्त चुनाव आयुक्त से बनता है. ऐसे में इस समय चुनाव दो चुनाव आयुक्तों के ना होने से केवल मुख्य चुनाव आयुक्त ही पद पर हैं.हलांकि राष्ट्रपति चुनाव आयोग के चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर चुनाव आयुक्तों के नियुक्ति कर सकती हैं.

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बना नया नियम

हाल ही में भारत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए 2023 में नये नियम बनाये गये हैं. जिसमे चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से मुक्य न्यायधीश को बाहर ऱखा गया था. नये नियम के मुताबिक नये चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में प्रधानमंत्री , उनके द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष शामिल होंगे.नये कानून 2023 ने चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तें और कामकाज के संचालन को लेकर  अधिनियम 1991 की जगह ली है. चुनाव आयुक्त चयन अधिनियम 1991 में प्रक्रिया के तहतनिसुक्ति पैनल में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी शामिल थे.

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किस तरह से काम करता है भारत का निर्वाचन आयोग

संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत भारत का चुनाव आयोग राष्ट्रपति द्वारा निर्वाचित मुख्यचुनाव आयुक्त के साथ साथ दो चुनाव आयुक्तों से मिलकर बनता है. भारत के राष्ट्रपति चुनाव आयोग की सिफारिशों के आधार पर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करती/ करते हैं. हलाकि 1989 तक भारत के निर्वाचन आयोग एकल ही होता था, 16 अक्टूबर 89 के बाद इसे तीन सदस्यीय बनाया गया, जिसमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त का प्रावधान हुआ.

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