दिल्ली : दिल्ली में केंद्र सरकार के अध्यादेश (Delhi Ordinance) के बाद शासन को लेकर रस्साकशी जारी है. दिल्ली सीएम लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर उनके काम में हस्तक्षेप करने और एक चुनी हुई सरकार को काम ना करने देने का आरोप लगा रहे हैं. Delhi Ordinance को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करार दिया है.
राज्यों में चुनाव की जरुरत क्या हैं?-अरविंद केजरीवाल, सीएम दिल्ली
शनिवार को एक बार फिर से दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज करते हुए कहा कि – केंद्र की मोदी सरकार पूरे देश के हर राज्य पर अपना शासन चाहती है . ऐसे में राज्यों में चुनाव कराने और राज्य के लिए मुख्यमंत्री चुनने की जरूरत ही क्या है ? हर राज्य में केंद्र सरकार एक एक गवर्नर रखकर शासन चला सकती है. पूरे देश का शासन 31 गवर्नर चला सकते हैं.
‘विपक्ष एकजुट हो तो अध्यादेश का दे सकते हैं जवाब’
दिल्ली सीएम ने अध्यादेश (Delhi Ordinance) का जिक्र करते हुए कहा कि अगर सरकार ये अध्यादेश कानून के तौर पर लाने की कोशिश करती है तो उसे रोकना जरूरी है. लोकसभा में भले ही विपक्ष के सदस्यों की संख्या कम है लेकिन राज्यसभा में 238 सदस्यों में केवल 93 बीजेपी के है. ऐसे में अगर सभी विपक्षी पार्टियां सत्तारुढ़ पार्टी के खिलाफ खड़ी हो जाती हैं तो आसानी से सरकार को हराया जा सकता है.
ये भी पढ़े : –New Parliament: नई संसद के विवाद में आया नया मोड़, खड़गे केजरीवाल समेत कई विपक्षी नेताओं पर एफआईआर
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी दलों से अध्यादेश के मुद्दे पर एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि अगर सभी पार्टियां लोकतंत्र बचाने के लिए एक साथ आ जाये तो ये बिल राज्यसभा में गिर जाएगा. अगर ये बिल राज्य सभा में गिर गया तो देश को यकीन हो जाएगा कि मोदी को 2024 में मोदी को हराया जा सकता है. ये 2024 का Semi Final है.
आज देश में एक ऐसी पार्टी है जो चाहती है कि पूरे देश पर उनका राज हो
ऐसे में मुख्यमंत्री चुनने की क्या ज़रूरत है, प्रधानमंत्री और 31 Governor ही देश को चला लें
BJP के पास Rajya Sabha में Majority नहीं है, 238 में से केवल उनके 93 MPs हैं
अगर सभी पार्टियां लोकतंत्र बचाने के लिए एक… pic.twitter.com/zjp70ZTiep
— AAP (@AamAadmiParty) May 27, 2023
दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र का अध्यादेश
आपको बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अधिकारियों के नियुक्ति और ट्रांसफर को लेकर चुनी हुई सरकार के पक्ष में फैसला दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जमीन और पुलिस को छोड़कर राज्य के प्रशासन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. कोर्ट के आदेश के मुताबिक चुनी हुई सरकार को अधिकारियों की नियुक्ति और उसके स्थांतरण का अधिकार है,लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर फैसले को पलट दिया है. केंद्र के इसी अध्यादेश को आधार बनाकर दिल्ली सीएम अब देश भर की विपक्षी पार्टियों से एक मंच पर आने की अपील कर रहे है.
बिहार सीएम नीतीश कुमार भी देश भर में विपक्षी एकता को जोड़ने की मुहिम में जुटे हैं.