Delhi BlastTerror-Module को लेकर चल रही इस्वेटिगेशन के दौरान कई सनसनीखेज जानकारियां समाने आ रही हैं. जांच से जुड़े खुफिया सूत्रों के हवाले से जो जानकारी आ रही है, वो बेहद चौंकान वाली हैं. मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने दिल्ली में हमले के लिए पांच चरणों का पूरा आतंकी प्लान तैयार किया था. इन आतंकियों ने पैसा जुटाने से लेकर बारूद और असलहा इकट्ठा करने का टेरर प्लान अगस्त के महीने में बनाया था.
Delhi BlastTerror-Module : 3 लाख में खरीदा तबाही का सामान
सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में ये खुलासा हुआ है कि इन आतंकियों ने पहले 3 लाख रुपये में विस्फोटक और तबाही का सारा सामान खरीदा. इनका प्लान दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट करने का था और इसके लिए 26 लाख रुपये भी जुटाए गए थे. प्लान के मुताबिक दिल्ली में आने वाले छह दिसंबर को छह जगहों पर सीरियल ब्लास्ट करके दिल्ली समेत पूरे देश को दहलाना का था लेकिन शायद इनकी बदकिस्मती रही कि लालकिला के पास हुए धमाके से आतंकियों की साजिश बेनकाब हो गई.
विवदित ढ़ांचे का बदला लेना चाहता है आतंकी संगठन जैश
जानकारी के मुताबिक जैश आतंकी लंबे समय से विवादित ढांचा विध्वंस का बदला लेने की बात करते रहे हैं. अपने इसी मकसद को अंजाम देने के लिए डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल, डॉ. उमर और डॉ. शाहीन ने 30 लाख रुपये जुटाए थे. ये सारा पैसा डॉ.उमर के पास रखा गया था. साजिश को अंजाम देने के लिए तीन लाख रुपये में 26 क्विंटल एनपीके फर्टिलाइजर (विस्फोटक) खरीदा गया. ये फर्टीलइजर हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम जैसे बाजारों से खाद के तौर पर खरीदा था.
अल फलाह यूनिवर्सिटी पर उठ रहे है सवाल
जांच के दौरान ये बात सामने आई कि फरीदाबाद में स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी के 17 नंबर बिल्डिंग के रूम नंबर 13 में इन आतंकियों का ठिकाना था, जहां प्लानिंग के लिए आदिल, मुजम्मिल, उमर, शाहीन और दूसरे लोग मिलते थे.पुलवामा के रहने वाले डॉ.मुजम्मिल ने इसी कमरे में बैठकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बड़े-बड़े लोकेशन्स को टारगेट के तौर पर चुना था.
विस्फोटक बनाने के लिए लैब से चुराया केमिकल
खूफिया सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में ये बात सामने आई है कि इन चारो आरोपियों मुजम्मिल,आदिल, उमर और शाहीन अपने मददगारों के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी की लैब से केमिकल चुराकर कर विस्फोटक बना रहे थे. ये प्लान मुजम्मिल का था कि कमरे में पहले लैब से चुराकर कैमिकल लाया जाये, फिर उसे फरीदाबाद के धौज और तगा गांव में ले जाया जाये. चारो ने मिलकर इस स्थान पर अमोनियम नाइट्रेट और अन्य रसायनों को मिलाकर विस्फोटक बनाया. फलाह यूनिवर्सिटी के 17 नंबर बिल्डिंग के रूम नंबर 13 से जांच टीम को कई इलेक्ट्रानिक उपकरण और पेन ड्राइव मिले हैं, जिसमें बहुत सारी जानकारी मौजूद है.

