Rakesh Kishor Contempt Case : सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने भारत के अटॉर्नी जनरल को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें सीजेआई की तरफ जूते फेंकने की कोशिश करने वाले एडवोकेट राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की इजाजत मांगी है. एडवोकेट राकेश किशोर ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के भीतर सीजेआई की कोर्ट में घुसकर उनके उपर जूता फेंकने का प्रयास किया था.
Rakesh Kishor Contempt Case:एटर्नी जनरल को लिखी चिट्ठी
पत्र में एडवोकेट केआर सुभाष चंद्रन ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से न्यायालय की अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 15 के तहत राकेश किशोर पर केस चलाने के लिए सहमति देने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि किशोर के द्वारा सीजेआई की तरफ जूता फेंकना और सीजेआई के खिलाफ नारे लगाना न्याय-प्रशासन में घोर हस्तक्षेप का मामला है. ऐसी घटना सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाली है.
‘राकेश किशोर को अपने किये पर नहीं है अफसोस ‘
एडवोटकेट सुभाष चंद्रण ने अपने पत्र में राकेश किशोर के उन बयानों का भी जिक्र किया है जिसमें उन्होने मीडिया से बात करते हुए भी मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियाँ की थीं . राकेश किशोर ने कहा था कि उन्हें अपने किये पर कोई पछतावा नहीं है. किशोर ने अपने कृत्य को सही ठहराते हुए ये भी कहा कि अगर जरुरत पड़ी तो वो दोबारा भी ऐसा कर सकते हैं. याचिकाकर्ता वकील ने अपनी चिटठी में तर्क दिया है कि इस तरह का व्यवहार न्यायालय को बदनाम करने और न्यायपालिका में जनता के विश्वास को कम करने के एक जानबूझकर किए गए प्रयास को दिखाता है. पत्र में लिखा गया है कि “अवमाननाकर्ता का ये अपमानजनक कृत्य माननीय सुप्रीम कोर्ट के की गरिमा और उसके अधिकार पर चोट करता है जिससे संविधान की आत्मा को भी चोट पहुंचती है.
सुप्रीम कोर्ट में कैसे हुई जूता फेंकने की कोशिश ?
आपक बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर एक यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान अचानक एक वकील राकेश किशोर अंदर घुस आये और फिर सुनवाई के दौरान ही चीफ जस्टिस की तरफ अपना जूता उठाकर फेंकने की कोशिश की. हलांकि समय रहते सुरक्षाकर्मियों ने देख लिया और राकेश किशोर को पकड़कर बाहर ले गये. बाहर जाते-जाते भी किशोर ने सीजेआई के खिलाफ नारे लगाये .बाहर ले जाते समय उसने “सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” का नारा लगाया.
सुप्रीम कोर्ट बार ने किया निलंबित,नहीं कर सकेंगे देश की किसी अदालत में काम
बाद में सुप्रीम कोर्ट बार ने वकील राकेश किशोर को बार से निलंबित कर दिया. इसके बाद अब राकेश किशोर देश की किसी अदालत में काम नहीं कर सकेंगे. राकेश किशोर के दिल्ली पुलिस ने भी हिरासत में लिय़ा था लेकिन तीन घंटे की पूछताछ के बाद ही छोड़ दिया था.उसके जूते भी उसे वापस कर दिये थे.