पटना: मकर संक्रांति का पर्व देश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस बीच सभी की नजरें बिहार के सियासी मकर संक्रांति Makar Sankranti पर है, जहां राजनेता दही-चूड़ा खाने के बहाने एक साथ नजर आए. पटना में कई सालों के बाद एक बार फिर लालू प्रसाद यादव ने दही-चूड़ा का भोज दिया.
राबड़ी आवास पर दोस्त लालू प्रसाद यादव के साथ दही-चूड़ा जीमते सीएम नीतीश कुमार. #MakarSankranti @jantadal @yadavtejashwi pic.twitter.com/CoXtsEsZFm
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) January 15, 2024
Makar Sankranti पर हर साल राबड़ी आवास पर होता है जुटान
हर साल की तरह इस साल भी राबड़ी आवास पर आरजेडी समेत सभी दलों के राजनेता जुटे. इस दौरान एक खास बात हुई कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार पैदल ही पिछले दरवाजे से राबड़ी आवास पहुंचे. हालांकि अंदर आने के बाद तेजस्वी यादव ने आगे बढ़कर उनकी स्वागत किया. लालू प्रसाद यादव के घर नीतीश के साथ ललन सिंह भी मौजूद रहे. ये भोज इसलिए खास है क्योंकि इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर उठ रहे सवाल के बीच खरमास खत्म हो गया है, और कयास लगाये जा रहे हैं कि अब बिहार में राजनीतिक गतिविधियां तेज होंगी.
चूड़ा-दही भोज में दोनों नेताओं की मुलाकात
दरअसल, पिछले कई दिनों से राजनीतिक गलियारों में बनी हुई थी कि क्या JDU अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस भोज में शामिल होंगे. क्योंकि काफी लंबे वक्त ने नीतीश और लालू की मुलाकात नहीं हुई है. न तो नीतीश बीते कई दिनों से राबड़ी आवास गए थे और न ही लालू यादव मुख्यमंत्री आवास. ऐसे में चर्चा इस बात की थी कि लालू के चूड़ा-दही भोज में दोनों नेताओं की मुलाकात होगी या नहीं. अब इन तमाम चर्चा पर विराम लगता हुआ नजर आ रहा है .
मकर संक्रांति पर लालू प्रसाद के घर पर दही चूड़ा का भोज
आपको बता दें कि, सूबे में मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा के भोज के बहाने सियासत साधना कोई नई बात नहीं है. बिहार से लेकर दिल्ली तक चूड़ा-दही के भोज पर राजनीतिक दिग्गजों का जुटान होता रहा है. इस साल भी मकर संक्रांति पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता पटना में भोज का आयोजन कर रहे हैं. वहीं, जेडीयू कोटे से हर साल सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह दही-चूड़ा भोज का आयोजन करते रहे हैं लेकिन इस साल उनका स्वास्थ खराब होने के कारण उनके घर पर ये भोज नहीं हुआ है.
वशिष्ठ नाराण सिंह की जगह इस बार उनकी जगह जेडीयू कोटे से बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा के यहां मकर संक्रांति का भोज आयोजित हुआ.
मकर संक्रांति के साथ ही खरमास खत्म हो गया है. हिन्दु मान्यता के मुताबिक खरमास के खत्म होने के बाद कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है . आब देखना होगा कि बिहार में लंबे समय से सियासी उठारटक का लगाये जा रहे कयास में कितना दम है. राजनीतिक के जानकार बताते है कि बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले नीतीस कुमार कुछ अलग कदम उठा सकते हैं जो इंडिया गठबंधन के लिए बुरा संकेत हो सकता है.
आज के नीतीश कुमार के व्यवहार से मीडिया पर कयासो का एक और दौर शुरु हो गया है. नीतीश कुमार राबड़ी आवास पिछले दरवाजे से पहुंचे वहीं उन्होंने मीडिया को भी पूरी तरह से नजरअंदाज किया. सोशल गैदरिंग के बावजूद पत्रकारो से पचते नजर आये.

