Thursday, April 24, 2025

Charag Paswan हाजीपुर में चाचा से भिड़ेगा भतीजा? सेंट्रल स्कूल के बहाने किया चाचा पर वार

दिल्ली : बिहार में  लोकजन शक्ति पार्टी की अंदरुनी लड़ाई एक बार फिर से खुलकर सामने आ गई है. इस बार चिराग पासवान (Charag Paswan) ने स्कूल के बहाने चाचा पशुपति पारस को घेरा है. चिराग पासवान (Charag Paswan) ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान को पत्र लिखा कर कहा है कि सरकार हाजीपुर के सेंट्रल स्कूल की सुध ले.

धर्मेंद्र  प्रधान को चिराग पासवान ने लिखी चिट्ठी

चिराग पासवान ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान को पत्र में लिखा है कि माननीय मंत्री जी, केंद्रीय विद्यालय हाजीपुर में पिछले सत्र 2022-23 मे एक भी नामांकन नहीं हुआ.इस कारण यहां ना पहली ना दूसरी किसी कक्षा में स्टूडेंट नहीं हैं. यहां सभी स्थान रिक्त हैं. चिराग ने आगे लिखा है कि मेरे पिताजी और स्थानीय सांसद रहे राम विलास पासवान ने केंद्र से खास तौर पर हाजीपुर के लिए सेंट्रल स्कूल की मंजूरी दिलवाई थी. 2003 से लेकर उनके जीनव काल में यहां स्कूल सुचारु रुप से चलता रहा लेकिन उनके निधन के बाद स्थानीय सांसद (पशुपति पारस) ने इस स्कूल के विकास में कोई रुचि नहीं दिखाई. स्कूल के बेहतरी के लिए कुछ नहीं किया. ये हाजीपुर के वासियो के लिए चिंता  का विषय़ है. क्योंकि केंद्रीय विद्यालय देश में गरीब बच्चो के सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है.

सेंट्रल स्कूल के लिए मांगी जमीन

हाजीपुर की आबादी को देखते हुए यहां 5 केंद्रीय विद्यालय की आवश्कता है लेकिन यहां केवल एक ही विद्यालय है .उसका भी अपना भवन ना होने के कारण छात्रों को पठन पाठन में काफी दिक्कतों का सामना करन पड़ता है. इस लिए माननीय शिक्षा मंत्री इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए जल्द से जल्द स्कूल के लिए स्थान उपलब्ध कराने की कृपा करें, ताकि यहां के बच्चो को उपने उज्जल भविष्य के निर्माण में कठिनाइयो का सामना ना करना पड़े.

हाजीपुर के वर्तमान सांसद ने विकास के लिए कुछ नहीं किया- चिराग पासवान

चिराग पासवान ने ये पत्र हलांकि शिक्षा के नाम पर स्थानीय बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिखा है लेकिन पत्र में साफ तौर से वर्तमान सांसद के खिलाफ खुल कर हमला बोला है. चिराग ने आरोप लगाया है कि वर्तमान सासंद ने उनके पिता की कर्मभूमि पर विकास के काम नहीं होने दिये हैं.

चाचा भतीजे की लड़ाई सड़क पर आई

दरअसल  बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके परिवार में विरासत को लेकर जंग छिड़ी हुई है. चिराग पासवान खुद को अपने पिता के अकेले वारिस मानते है जबकि राम विलास पासवान के राजनीतिक जीवन में सदैव साथ रहने वाले छोटे भाई पशुपति पारस ने भतीजे को सारी विरासत सौंपने से साफ इंकार कर दिया है.अब कयास लगाये जा रहे हैं कि चिराग पासवान  किसी भी तरह से अपने पिता की संसदीय सीट हाजीपुर पर अपना अधिकार जताने के लिए आ जुगत लागाने में लगे हैं.

खबर है कि इन दिनों  चिराग पासवान का हाजीपुर दौरा भी बढ़ गया है , अब देखना होगा कि मोदजी के हनुमान की इस चिट्ठी को केंद्रीय शिक्षा मंत्री कितनी तवज्जो देते हैं.

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