China Helping Iran : ईरान और इजराइल का युद्ध दिन व दिन विकराल होता जा रहा है. ईरान पर इजराइल के हमले का बुधवार को छठा दिन था और अब इस युद्ध में देखा जा रहा है कि अमेरिका भी उतरने के लिए बैचैन हो रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को तेहरान खाली करने की धमकी देकर माहौल को और विस्फोटक बना दिया है क्योंकि अमेरिका की इस धमकी के बाद ईरान ने अब खुल्लम खुल्ला युद्ध का ऐलान कर दिया है. ईरान ने अमेरिका को भी धमकी दे दी है कि अगर उन्होने इजराइल की मदद करने के लिए ईरान पर हमला किया तो इसके परिणाम बेहद खराब हो सकते हैं.
China Helping Iran : ईरान को पड़ोसी देश से मिली बड़ी मदद
ईरान पर अमेरिका की धमकी बेअसर रहने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका चुप नहीं बैठेगा. हलांकि अमेरिकी संसद में राष्ट्रपति ट्रंप को युद्ध में उतरने के लिए आवश्यक समर्थन नहीं मिला है लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका ईरान के परमाणु प्रतिष्ठनों के खिलाफ इजराइल के अभियान के बीच खुद भी उतर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो विश्व में हालात और अधिक विस्फोटक हा जायेंगे क्योंकि ईरान की मदद के लिए चीन तैयार बैठा है.
चीन ने ईरान को भेजे हथियार ?
ईरान पर इजरायली हमले के बाद खबर आ रही है कि जैसे ही शुक्रवार को इजरायल ने ईरान पर हमला किया, उसके अगले ही दिन शनिवार को चीन से एक मालवाहक विमान ने ईरान के लिए उड़ान भरी. फिर दूसरे रविवार को दूसरे और सोमवार को तीसरे विमान ने चीन के तटीय इलाके से उडान भरी. बताया जा रहा है कि ये तीनों कार्गो विमान थे. इन तीनों विमानों ने रहस्यमय तरीके से ईरान में लैंडिंग की है. ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने इन कार्गो प्लेन्स के जरिए हथियार भेजकर अपने दोस्त ईरान की मदद की है.
ईरान पहुंचते ही रडार के गायब हो गया विमान
अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक तीनो कार्गो विमानों के डेटा से पता चला है कि चीन से उड़ा तीनो विमान पश्चिम की चला गया, जो रुस के कजाकिस्तान, फिर उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान होते हुए ईरान के करीब आता दिखा लेकिन ईरान की सीमा के पास पहुंचते ही ये चीनी कार्गो विमान रहस्यमयी तरीके से रडार से गायब हो गया.
रडार से गायब होने को लेकर विशेषज्ञों की क्या है राय ?
विमान के रडार से गायब होने की खबर को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि बताये गये हुलिए से ऐसा लगता है कि वो बोइंग 747 मालवाहक विमान था , जिसका इस्तेमाल आम तौर पर हथियारों और सैन्य उपकरणों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए किया जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि संभव है कि ईरान की सीमा में प्रवेश से पहले विमान का ट्रांसपोंडर्स बंद कर दिया गया हो , जिसके कारण वो रडार में नहीं आया. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का गुप्त कदम हथियारों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए आम तौर पर किया जाता है.