उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर उत्तराखंड में अपने पद और पावर का दुरुपयोग करने,जालसाजी करने , आपराधिक षडयंत्र रचने,प्रशासन पर दवाब डालकर फर्जी नाम पर जमीन खरदीने, पेड़ काट कर बेचने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है.
पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर आरोप है कि उन्होंने पद पर रहते हुए वन विभाग की ज़मीन ख़रीदने के लिए मृत व्यक्ति की पहचान का इस्तेमाल किया. पूर्व डीजीपी ने जो ज़मीन ख़रीदी थी वो ज़मीन मटकुमल नाम के नाम पर ख़रीदी जिसकी 1983 में मौत हो चुकी थी. इतना ही नहीं इसी ज़मीन पर पेड़ काटने के आरोप में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 27 अगस्त 2018 को डीजीपी सिद्धू पर आरक्षित वन क्षेत्र में पेड़ काटने पर 46 लाख 14 हजार 960 रुपये का ज़ुर्माना ठोका था. वन विभाग का ये मामला तब सभी की नज़र में आया जब वरिष्ठ वन विभाग अधिकारी आशुतोष सिंह ने इस मामले में शिकायत की. शिकायतकर्ता आशुतोष सिंह के मुताबिक़ सिद्धू ने 2012 में मसूरी वन विभाग के वीर गिरवाली गांव में 1.5 हेक्टेयर ज़मीन ख़रीदी थी और मार्च 2013 में इस ज़मीन से 25 साल के पेड़ काटे गए थे. मामला काफी समय तक छिपा रहा लेकिन जब वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी में ये मामला आया तो ज़मीन की रजिस्ट्री रद्द कर दी गई.

