Friday, November 8, 2024

Women Reservation Bill: जाति जनगणना और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग के साथ राहुल ने किया बिल का समर्थन

महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में बहस जारी है. बुधवार सुबह कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस के समर्थन का एलान किया तो शाम होते-होते राहुल गांधी ने मोर्चा संभाला और महिला आरक्षण बिल फौरन लागू करने के साथ ही जाति जनगणना और ओबीसी आरक्षण की भी मांग कर डाली.

राहुल की ओबीसी आरक्षण की मांग पर सदन में हुआ हंगामा

संसद में जब राहुल गांधी बोलने खड़े हुए और जैसे ही उन्होंने जाति जनगणना और ओबीसी आरक्षण की बात की सदन में हंगामा होने लगा. जिसपर राहुल गांधी ने बीजेपी सांसदों को कहा कि डरो मत. लेकिन हंगामा जारी तब सभा सभापति ओम बिडला ने राहुल गांधी को रोका और कहा कि आप डरो मत शब्द का प्रयोग नहीं करें साथ ही उन्होंने कहा कि ये चर्चा महिला आरक्षण के लिए है. जिसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि ये बहस सत्ता हस्तांतरण की है और महिलाएं जैसे नागरिकों का एक समूह है उसी तरह ही ओबीसी भी नागरिकों का एक समूह है.

अफसर शाही में ओबीसी समाज की सिर्फ 5 प्रतिशत भागीदारी-राहुल गांधी

इसके बाद राहुल गांधी ने ओबीसी समाज की अफसर शाही में भागीदारी को लेकर कुछ आकड़े पेश किए. राहुल गांधी ने कहा, “मेरी नजर में एक बात है जो इस बिल को अधूरा बनाती है. मैं इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण को शामिल होते देखना पसंद करता। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारतीय महिलाओं के एक बड़े हिस्से को इस आरक्षण तक पहुंच मिलनी चाहिए, और इस विधेयक में यह गायब है.
दो बातें ऐसी भी हैं जो मुझे अजीब लगती हैं. एक विचार यह है कि इस विधेयक को लागू करने के लिए आपको एक नई जनगणना की आवश्यकता है, और दूसरा यह है कि इस विधेयक को लागू करने के लिए आपको एक नए परिसीमन की आवश्यकता है.”
कांग्रेस राहुल के भाषण की एक क्लीप भी शेयर की है जिसके टैग में लिखा है. “मैंने एक सवाल पूछा कि जो 90 सेक्रेटरी हैं, जो हिन्दुस्तान की सरकार को चलाते हैं, इनमें से OBC समुदाय से कितने हैं? हिन्दुस्तान के 90 सेक्रेटरी में से सिर्फ तीन OBC समुदाय से हैं. OBC समुदाय के ये सेक्रेटरी देश के सिर्फ 5% बजट को कंट्रोल करते हैं.”

महिला आरक्षण को तुरंत लागू करने की भी की मांग

कांग्रेस सांसद ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए कहा कि, “ मेरे विचार में, यह काफी सरल है; महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा की 33% सीटें आवंटित करके इस बिल को आज लागू किया जा सकता है. इसलिए, मुझे आश्चर्य है कि क्या इसे गेंद को आगे बढ़ाने के लिए नहीं बनाया गया है, शायद अगले 9 वर्षों तक, और फिर इस चीज़ को उसी तरह से खेलने दिया जाए जिस तरह से यह चल रहा है.
राहुल गांधी ने इस मौके पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का जिक्र करते हुए कहा, “यह सुंदर मोर सजावट के साथ एक काफी अच्छी इमारत है. सच कहूं तो, मैं इस प्रक्रिया में भारत के राष्ट्रपति को देखना पसंद करूंगा. भारत की राष्ट्रपति एक महिला हैं; वह आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है, और एक घर से दूसरे घर में इस स्थानांतरण में उसका दिखना उचित होता.

सेनगोल के बहाने प्रधानमंत्री और बीजेपी की विचारधारा पर किया हमला

राहुल गांधी ने नई संसद में स्थापित किए गए सेनगोल का जिक्र भी किया. राहुल गांधी ने पीएम मोदी के सेनगोल को सत्ता का हस्तांतरण का प्रतीक बताने पर सीधा तो नहीं लेकिन हमला करते हुए कहा कि, “कल चर्चा सुनते समय सेनगोल का मुद्दा उठा और अंग्रेजों से भारत की जनता को सत्ता हस्तांतरण के बारे में बातचीत हुई. भारत की जनता को सत्ता सौंपने से पहले अंग्रेजों ने स्वतंत्रता आंदोलन के नेतृत्व से पूछा, “हम सत्ता किसे हस्तांतरित करने जा रहे हैं?” हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की ओर से एक क्रांतिकारी उत्तर आया: “भारत के लोगों को सत्ता हस्तांतरित करें.”
इसलिए, हमारे देश ने अपनी स्थापना से ही सभी महिलाओं को वोट दिया, जो उस समय क्रांतिकारी था. हमने हर एक समुदाय को वोट भी दिया और वोट ने सत्ता हस्तांतरण के लिए एक तंत्र के रूप में काम किया. इसे भारत के लोगों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया था.
यदि आप आजादी से अब तक की यात्रा की जांच करें, तो यह सत्ता का निरंतर हस्तांतरण रहा है, जिससे भारत के लोगों को अधिक अधिकार मिले हैं. दूसरी ओर, भारत के लोगों से सत्ता छीनने का एक जवाबी विचार है.
यही लड़ाई चल रही है. वास्तव में, कई मायनों में, यही वह लड़ाई है जो आज हो रही है.“

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