Bihar Band Protest : बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के विरोध में विपक्ष ने जोर शोर से बंद का आह्वान किया.सुबह पांच बजे से ही विपक्ष के नेता कार्यकर्ता सड़कों पर दिखाई दिये, जिसका असर सड़क-परिवहन और बाजारों पर भी दिखा. खास कर पटना में बंद का असर दिखा लेकिन दोपहर होते-होते विरोध प्रदर्शन का असर कम हो गया.
Bihar Band Protest:राहुल गांधी के लौटने के बाद मैदान खाली
राहुल गांधी महागठबंधन के बंद को समर्थन देने दिल्ली से पटना पहुंचे थे. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए उन्होंने पटना में भाषण दिया. भाषण के दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार को जमकर घेरा.राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कवायदों को केंद्र सरकार की मिलीभगत बताते हुए इसे चुनाव की चोरी करवाने की कोशिश करार दिया. राहुल गांधी बोले कि जिस तरह से केंद्र की मिलीभगत से महाराष्ट्र और हरियाणा में वोटों की हेराफेरी की गई उसी तरह से अब बिहार में करने ककी कोशिश हो रही है.
विरोध प्रदर्शन में भाषण देकर लौटे राहुल गांधी
राहुल गांधी ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे तेजस्वी यादव का साथ दिया और चुनाव में गडबड़ी कराने की कोशिश पर जमकर बोला. इसके बाद राहुल गांधी वापस दिल्ली लौट गये . राहुल गांधी के दिल्ली वापस लौट जाने बाद ये चर्चा हो रही है कि पटना पहुंचने के बावजूद वो व्यापारी गोपाल खेमका के घर नहीं गये.
चुनाव आयोग के बाहर इंतजार करते दिखे अधिकारी
मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर बुलाये गये बंद के आह्वान के कारण राज्य चुनाव आयोग मान रहा था कि विपक्ष के नेता उनसे मिलने और अपनी नाराजगी जाहिर करने चुनाव आयोग आयेंगे.इसलिए राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) के ऑफिस के बाहर चुनाव आयोग के अधिकारी महागठबंधन के नेताओं का इंतजार करते दिखे, लेकिन राहुल गांधी के भाषण के बाद मार्च खत्म हो गया और नेता-कार्यकर्ता वापस लौट गए. विपक्षी दलों का कोई प्रतिनिधि मंडल शिकायत करने चुनाव आयोग नहीं पहुंचा.

गोपाल खेमका के घर भी नहीं गये राहुल गांधी !
पटना के व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या के बाद बिहार की राजनीति गर्म है. विपक्ष लगातार राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस नेता राहुल गांंधी जब पटना आयेंगे तो गोपाल खेमका के परिजनों से भी मुलाकात जरुर करेंगे लेकिन अब राहुल गांधी विरोध मार्च में हिस्सा लेकर तुरंत वापस दिल्ली लौट गये है,तो ऐसे में ये चर्चा भी होने लगी है कि क्या विपक्ष केवल मुद्दे को भुनाना चाहता है? क्या बिहार की जनता के प्रति उनकी कोई संजीदगी नहीं है.