रामपुर की मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को मिली जमीन की लीज रद्द करने के मामले में आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. यूपी सरकार के रामपुर की मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को मिली जमीन की लीज रद्द करने के मामले में आजम खान ने सर्वोच्च अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था. लेकिन कोर्ट ने आज़म खान को ये कहकर लौटा दिया कि पहले इस मामले की सुनवाई यूपी हाईकोर्ट में होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा यूपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इस मामले में एक बेंच बनाकर पहले सुनवाई करें.
आरोप है कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने आजम खान के ट्रस्ट को सस्ते दर पर एक स्कूल की जमीन 99 साल के लिए लीज पर दी थी. लेकिन लीज की शर्तों के उल्लंघन के आधार पर मौजूदा योगी सरकार ने इसे रद्द कर ज़मीन वापस माध्यमिक शिक्षा विभाग को लौटा दी है.
मुर्तजा हायर सेकेंडरी स्कूल की इमारत और जमीन वापस लेने का है मामला
असल में 31 अक्तूबर 2023 को कैबिनेट बैठक में मुर्तजा हायर सेकेंडरी स्कूल की इमारत और जमीन वापस लेने का प्रस्ताव, जो माध्यमिक शिक्षा विभाग ने रामपुर में मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को पट्टे पर दी थी. ट्रस्ट की ओर से लीज के लिए दी गई शर्तों का पालन नहीं करने आरोप में वापस लेने का फैसला किया. कहा गया कि एसपी सरकार में शर्तों को नजर अंदाज कर स्कूल की जमीन जौहर ट्रस्ट को मात्र 100 रुपये प्रति वर्ष किराए पर दे दी गई. रामपुर जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने अब यह जमीन माध्यमिक शिक्षा को वापस लौटाने का फैसला किया है. कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी.
कैबिनेट के फैसले के बाद रामपुर जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय ने एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया और ट्रस्ट को सात दिनों मैं खाली करने को कहा गया. जिसके बाद प्रशासन ने स्कूल और आज़म खान के कार्यलय को खाली करा लिया है. बताया जा रहा है की मुर्तजा हायर सेकेंडरी स्कूल के 1400 छात्रों को दूसरे संस्थानों मैं भेजा गया है.
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