मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर की स्थिति को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें पार्टी की ओर से एक ज्ञापन सौंपा. राष्ट्रपति भवन पहुंचे खड़गे के साथ कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल भी था जिसमें कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, ओकरामलबोबी सिंह, भक्तचरण दास, गैखंगम, थोकचोम लोकेश्वर सिंह और मेघचंद्र सिंह शामिल थे.
राष्ट्रपति को कांग्रेस ने दिया 12 बिंदुओं का एक्शन प्लान
बाद में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश न एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि, “आज मल्लिकार्जुन खरगे ने 4 पन्नों का एक ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा. इसमें हमने मांग की है कि मणिपुर में क्या कार्रवाई होनी चाहिए. जो ज्ञापन हमने सौंपा हैं उसमें 12 बिंदुओं का एक्शन प्लान है कांग्रेस की तरफ से जिससे मणिपुर में फिर से शांति और सद्भावना वापस लौट आए.”
कांग्रेस ने अपने इस ज्ञापन को बाद में ट्वीट भी किया. कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा, “हमारे लोगों की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होनी चाहिए. हम उम्मीद करते हैं कि सत्तारूढ़ शासन मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाएगा.”
गृहमंत्री अमित शाह सोमवार से मणिपुर के दौरे पर हैं
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को मणिपुर के इंफाल में विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ मुलाकात की.
#WATCH केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के इंफाल में विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ मुलाकात की। pic.twitter.com/0hdfOPMCPb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 30, 2023
सोमवार को मणिपुर पहुंचे थे अमित शाह
आपको बता दें , केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार देर शाम मणिपुर पहुंचे. पहुंचने के बाद गृहमंत्री ने सिलसिलेवार बैठकें कीं. शाह ने करीब एक महीने से जातीय हिंसा की मार झेल रहे सूबे के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके मंत्रियों समेत राज्यपाल से भी मुलाकात की.
अगले कुछ दिन मणिपुर में है रहेंगे शाह
जानकारी के मुताबिक, अमित शाह के अगले कुछ दिनों तक मणिपुर में रहने वाले है. सूत्रों के मुताबिक उनके यहां सभी हितधारकों – शीर्ष सेना अधिकारियों, नागरिक समाज संगठनों और प्रभावशाली सामुदायिक नेताओं से मिलने की संभावना है – ताकि जातीय हिंसा पर अंकुश लगाने की रणनीति को अंतिम रूप दिया जा सके.
हिंसाग्रसत इलाकों का दौरा भी कर सकते है गृहमंत्री
शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक गृहमंत्री कुछ ऐसे जिलों का दौरा भी कर सकते हैं जहां मेती और कुकी आदिवासियों की आबादी है, जिनके बीच 3 मई से संघर्ष जारी है. इनमें से कुछ जिले म्यांमार की सीमा पर स्थित हैं.
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