Tiger Abhi Jinda Hai : बिहार में 14 नवंबर यानी की शुक्रवार को मतगणना होने जा रही है. 14 नवंबर को मतगणना के बाद ये साफ हो जायेगा कि अगले पांच साल के लिए बिहार की जनता ने किसे जनादेश दिया है लेकिन मतगणना से पहले ही पटना समेत पूरे राज्य में सियासी माहौल गर्माया हुआ है. एक तरफ तमाम एक्जिट पोल एनडीए को भारी बहुमत से वापसी करते दिखा रहे हैं, वही कई एक्जिट पोल महागठबंधन के लिए भी अच्छे संकेत लेकर आ रहे हैं.
Tiger Abhi Jinda Hai : मतगणना से पहले सियासी पारा गर्म
इस बीच बिहार की राजनीतिक गलियारों में एक बात खास तौर से चर्चा का विषय है कि अगर एनडीए को बहुमत मिला तब भी क्या नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री पद के लिए उनके उम्मीदवार होंगे, क्योंकि बीजेपी ने अभी तक ये साफ नहीं किया है कि अगर जीते तो सीएम कौन होगा. ऐसे में जेडीयू के कार्यकर्ताओं ने पहले से ही ये भूमिका बनानी शुरु कर दी है कि बिहार में अगर कोई टाइगर है तो नीतीश कुमार ही हैं और बिहार का ‘टाइगर अभी जिंदा’है.
पटना में जेडीयू की तरफ से आज एक पोस्टर लगाया गया है जिसमें कहा गया है कि टाइगर अभी जिंदा है. ये पोस्टर जेडीयू कार्यालय के बाहर लगा है. इसे पूर्वमंत्री रंजीत सिन्हा ने अपने नाम से छपवाया है. रणजीत सिंह ने नीतीश कुमार के लिए लिखा है ‘टाइगर ज़िंदा है’. सिन्हा ने इस टाइगर को समाज के सभी वर्गों का रक्षक बताया गया है. पोस्टर से ये संदेश देने की कोशिश की गई है कि नीतीश कुमार ही वो शख्स हैं जिन्हें फिर से यानी चौथी बार सीएम बनना चाहिये.
भाजपा नेतृत्व को भी संदेश देने का प्रयास
दरअसल बिहार चुनाव के प्रारंभ से ही बीजेपी ने ये तो कहा कि इस बार का चुनाव वो सीएम नीतीश के चेहरे पर लड़ेंगे लेकिन समय के साथ ये बात भी सामने आने लगी की भाजपा नेतृत्व बहुमत आने की स्थिति में नीतीश कुमार की जगह अपना सीएम भी बना सकते हैं. महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को अपने लिए सीएम पद के उम्मीदवार की घोषणा की और पूरा चुनाव तेजस्वी यादव के नाम पर ही लड़ा इसके उलट बीजेपी ने पूरा चुनाव भले ही नीतीश कुमार के नाम पर लड़ा लेकिन कभी ये साफ नहीं किया कि अगर जाते तो उनका सीएम कौन होगा.
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लगातार ये दावा कर रहे हैं कि एनडीए में अगर बीजेपी को बहुमत मिलता है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं होंगे.
ऐसे में पटना में लगा ये पोस्टर एक तरह से भाजपा नेतृत्व को एक संदेश भी है कि बिहार में नीतीश कुमार की सियासत अभी कायम है .टाइगर अगर बूढा भी हो जाये तो टाइगर ही है और वो जिंदा है. यानी चुनाव के नतीजे में अगर अकेले बीजेपी के बहुमत नहीं मिलता है तो नीतीश कुमार उन्हें बोरिया बिस्तर बांध कर वापस दिल्ली रवाना करने की ताकत रखते हैं.
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चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नीतीश कुमार को सत्तारूढ़ एनडीए का नेता बताया था, अमित शाह ने यह कहा था कि बिहार में सीएम पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है, जिसका अर्थ है कि कुमार सत्ता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में अगर नीतीश कुमार के खिलाफ कोई ‘खेला’ होता है तो नीतीश कुमार पूरे गेम को पलटने की ताकत रखते हैं.

