अहमदाबाद: गुजरात में वडोदरा Vadodara में नाव पलटने की घटना में 14 स्कूली छात्रों और दो शिक्षकाओं समेत 16 की मौत हो गई.इस हादसे में गुजरात में 2022 में मोरबी हादसे की यादों को ताजा कर दिया है, जब ब्रिज टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई थी. वडोदरा में नाव पलटने की घटना में प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार माना जा रहा है. घटना के बाद भ्रष्ट कॉन्ट्रेक्टर परेश शाह फरार है, तो वहीं दूसरी और वडोदरा पुलिस की क्राइम ब्रांच में दो लोगों को इस मामले में अरेस्ट किया है. वडोदरा नाव हादसे की जांच में सामने आया है कि नाव की क्षमता 14 की लेकिन थी लेकिन भ्रष्ट कांट्रेक्टर ने ज्यादा कमाई के चक्कर में 23 छात्रों और 4 शिक्षकों को नाव पर सवार कर दिया.इसके साथ ही बच्चों को लाइफ जैकेट भी नहीं दी गई थी.
Vadodara में भूपेंद्र पटेल पहुंचे घटनास्थल
वडोदरा में बड़े नाम हादसे के बाद पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हरणी झील का दौरा किया. उन्होंने यहां चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी के साथ घटनास्थल का भी निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने इस घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय आदेश दिए हैं .सीएम ने इस घटना जांच जिम्मेदारी वडोदरा के जिलाधिकारी को सौंपने का निर्णय लिया है. 10 दिन के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपनी होगी. पूरे मामले में क्राइम ब्रांच ने दो लोगों को हिरासत में लिया है.मुख्य ठेकेदार परेश शाह अभी भी फरार है ,लेकिन क्राइम ब्रांच ने जिन दो लोगों का हिरासत में लिया है. उनसे पूछताछ जारी है,पुलिस ने हरणी लेक पर लगे सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया है.
पीएम मोदी ने व्यक्त की संवेदनाएं
राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के परिवार को चार लाख और घायलों को 50,000 की सहायता देगी. वडोदरा की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख व्यक्त किया है. पीएमओ के ट्वीट में कहा गया है कि बड़ोदरा की हरणी झील में नाव पलटने से हुई जनहानि से मैं दुखी हूं.दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवार के साथ है.घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता . स्थानीय प्रशासन प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है.प्रत्येक मृतक के परिवार को पीएमएनआरएफ से 2लाख की सहायता दी जाएगी,जबकि घायलों को 50 हज़ार रुपये की सहायता दी जाएगी.
माता-पिता ने की फांसी की मांग
हरणी झील में अपने बच्चों को खोने वाले माता-पिता ने फांसी की मांग की है .उनकी मांग है कि भ्रष्ट ठेकेदार और निगम के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, तो वहीं दूसरे निगम में हड़कंप मचा हुआ है.वहीं जानकारी सामने आई है कि कॉन्ट्रेक्टर परेश को रसूखदार लोगों की सिफारिश पर ठेका दिया गया था. हादसे में सबसे बड़ी लापरवाही ठेकेदार की है, तो वहीं सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अफसर ने अपनी ड्यूटी क्यों नहीं पूरी की. वर्तमान में गांधी नगर में तैनात तत्कालीन निगम कमिश्नर इस ठेकेदार को कॉन्ट्रेक्ट नहीं देना चाहते थे.