BPSC exam: शुक्रवार को बिहार के पटना के जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह शहर में एक परीक्षा केंद्र के बाहर प्रदर्शन कर रहे बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के एक अभ्यर्थी को थप्पड़ मारते हुए कैमरे में कैद हो गए.
डीएम चंद्रशेखर सिंह ने एक व्यक्ति को थप्पड़ मारते दिखे
बीपीएससी की संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा शुक्रवार को ग्रुप ए और बी पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की गई थी. राज्य के 945 केंद्रों पर करीब पांच लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए.
हालांकि, कई छात्रों ने पटना में BAPU परीक्षा केंद्र के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और आरोप लगाया कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में चंद्रशेखर सिंह पुलिस की तैनाती के बीच एक व्यक्ति को थप्पड़ मारते और प्रदर्शनकारियों को मौके से खदेड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं.
पटना में BPSC परीक्षा के बाद सेंटर पर क्वेश्चन पेपर बांटने में की गई अनियमिताएं और क्वेश्चन पेपर लीक को लेकर हंगामा कर रहे छात्रों के ऊपर पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने थप्पड़ चलाया। #Biharbpsc pic.twitter.com/8Loapllamc
— Abhinav Kumar jha 🇮🇳 (@abhikumar70) December 13, 2024
BPSC exam: अभ्यर्थियों ने क्या आरोप लगाया
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था और प्रश्नपत्रों के वितरण में देरी सहित केंद्र पर कुप्रबंधन था.
एक प्रदर्शनकारी छात्र ने एएनआई को बताया, “आधे छात्रों को 15 मिनट तक ओएमआर शीट या प्रश्न पुस्तिका भी नहीं मिली… कई छात्रों को प्रश्न पुस्तिका एक घंटे देरी से मिली और इसे 10 मिनट में ही छीन लिया गया… जहां छात्रों की क्षमता 200 से अधिक है, वहां केवल 175 प्रश्न पत्र क्यों लाए गए?… हमें पता चला कि प्रश्न पत्र लीक हो गया है… शिक्षक हमें चुप रहने की धमकी दे रहे थे…”
छात्र ने कहा, “बीपीएससी की एक भी परीक्षा ऐसी नहीं है जिसमें धांधली न हुई हो… प्रश्न पुस्तिका के पैकेट की सील फटी हुई थी… एक अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका शौचालय में मिली थी…”
बीपीएससी अध्यक्ष ने आरोपों का खंडन किया
हालांकि, बीपीएससी के अध्यक्ष रवि मनु भाई एस परमार ने पेपर लीक के आरोपों का खंडन किया और कहा कि परीक्षा के संबंध में कोई शिकायत सामने नहीं आई है.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक उन्होंने कहा, “राज्य भर के 912 केंद्रों में से किसी से भी एक भी शिकायत नहीं आई है. पटना के एक केंद्र पर कुछ छात्रों ने पैटर्न में बदलाव को लेकर सवाल उठाए, लेकिन उनके भ्रम को भी दूर किया गया कि ऐसा कुछ नहीं है.”
उन्होंने कहा, “हमें जो रिपोर्ट मिली है, उसके अनुसार परीक्षाएं सुचारू रूप से चलीं. छात्रों को परीक्षा से एक घंटे पहले परीक्षा केंद्र में प्रवेश करना था और एक बार परीक्षा शुरू होने के बाद, उन्हें यह पता नहीं चल पाया कि बाहर क्या हो रहा है, क्योंकि उनके पास मोबाइल फोन नहीं थे. सोशल मीडिया के युग में यह सब शरारत है.”
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