India China LAC dispute : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर (LAC) को लेकर 2020 से चला आ रहा गतिरोध खत्म हो गया है. भारत की तरफ से खबर की पुष्टि होने के बाद अब चीन ने भी आधिकारिक तौर पर इस खबर की पुष्टि की है. चीन के आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनो देशों के बीच चल रहा सैन्य गतिरोध खत्म करने के लिए सहमति बन गई है.
India China LAC dispute : लद्दाख में दोनों देशों के सेना अपनी जगह पर लौटेंगे
चीन की सरकार के द्वारा इस समझौत की पुष्टि के बाद अब गलवान समेत सीमा पर दोनों देशों के सेनाएं अपनी अपनी पुरानी जगहों पर लौट जायेगी. चीन से पहले भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को इस समझौते के लेकर ऐलान किया था.
दोनों देशों के बीच हुए समझौते को लेकर चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा है कि चीन और भारत के बीच सीमा को लेकर पिछले कुछ समय से राजनयिक और सैन्य, दोनों स्तरोंं पर लगातार बातचीत हो रही थी. अब इस मामले में दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है. भारत और चीन इस समझौते पर साथ मिलकर काम करेंगे.
गलवान के बाद क्या ये हैं नये दौर की शुरुआत ?
भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर लंबे समय से रिश्तों में तल्खी रही है. चाहे वो लद्दाख हो या अरुणाचल प्रदेश, दोनो जगहों पर लगातार झड़प और घुसपैठ की खबरें आती रहती है लेकिन सोमवार को इस मामले में उस समय नरमी दिखी जब दोनों देशों के बीच पेट्रोलिंग प्वॉइंट्स को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर हुआ. इस समझौते के बाद अब दोनों देशों ने तय किया है कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिक फिर से पेट्रोलिंग शुरू कर सकेंगे.
जानकारों का मानना है कि हलांकि समझौता हो गया है लेकिन गलवान में 2020 में हुई झड़प के बाद से दोनों देशो के बीच लगातार तल्खी बढती रही. इसलिए दोनों देशो के बीच के संबंधों को दुरुस्त होने में समय लगेगा. हालांकि एक्सपर्ट मानते है कि भारत चीन के बीच पेट्रोलिंग को लेकर हुआ समझौता दोनों देशों के रिश्तो के लिए एक नई शुरुआत की तरह है .
ब्रिक्स (BRICS) समिट में हिस्सा लेगा चीन
भारत के पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 2023 में दक्षिण अफ्रीका के ब्रिक्स सम्मेलन में बातचीत हुई थी. इससे पहले 2020 में भी G-20 समिट में पीएम मोदी और शी जिनपिंग पहुंचे थे लेकिन दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं हुई थी. पिछले कुछ समय से विश्व में जियोपॉलिटिक्स में कई अहम बदलाव हुए हैं और देखा जा रहा है कि पश्चिमी देशों के साथ चीन के रिश्ते अब उतने सहज नहीं हैं.यही कारण है कि चीन को बैकफुट पर देखा जा रहा है.
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जानकारों के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिग अब ब्रिक्स (BRICS) सम्मेलन की छोटी बड़ी सभी बैठकों में हिस्सा लेंगे. इसमें ब्रिक्स प्लस डायलॉग में भी शामिल है. जानकारों का मानना है कि इस साल होने वाले ब्रिक्स समिट में एशिया की दो महाशक्तियों के प्रमुखों पीएम मोदी और शी जिंगपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हो सकती है. इसकी वजह दोनो देशो के बीच हुए इस पेट्रोलिंग समझौते को माना जा रहा है. भारत औऱ चीन के प्रमुखों के बीच अगर द्विपक्षीय बैठक होती है तो ये दोनों देशों के बीच रिश्तों पर जमीं बर्फ के पिघलाने के जैसा होगा.