इंडिया गठबंधन के सूत्रधार या कहें रचेता नीतीश कुमार के गठबंधन से बाहर होने और बिहार में एक बार फिर गुलाटी मार बीजेपी के साथ जाने की खबरों के बीच बीजेपी के सुर नीतीश के लिए नरम पड़ने लगे हैं. बीजेपी का कहना है कि लालू यादव ने नीतीश कुमार को मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाए जो पूरे होने वाले नहीं है.
नित्यानंद राय-कांग्रेस ने किया नीतीश के साथ दुर्व्यवहार
बिहार बीजेपी के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने नीतीश कुमार से हमदर्दी जताते हुए बयान दिया है. केंद्रीय मंत्री का बयान उस समय आया जब नीतीश कुमार के गठबंधन छोड़ने की चर्चा चल रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, INDI गठबंधन में कांग्रेस के द्वारा जो व्यवहार नीतीश कुमार के साथ हुआ है, वह नीतीश कुमार को अब पता चल रहा है. मुंगेरीलाल के हसीन सपने लालू प्रसाद यादव ने उन्हें दिखा दिए, जो पूरे होने वाले नहीं हैं…:
#WATCH …INDI गठबंधन में कांग्रेस के द्वारा जो व्यवहार नीतीश कुमार के साथ हुआ है, वह नीतीश कुमार को अब पता चल रहा है। मुंगेरीलाल के हसीन सपने लालू प्रसाद यादव ने उन्हें दिखा दिए, जो पूरे होने वाले नहीं हैं…: केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय pic.twitter.com/XvILfuc3rK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 23, 2023
19 दिसंबर की बैठक में उलझ गए है पेंच
दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक के बारे में कहा जा रहा है कि इस बैठक में सीट शेयरिंग, साझा रैली और पीएम फेस सहित कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. लेकिन न सीट शेयरिंग पर बात बन पाई ना साझा रैलियों पर. ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम के चेहरे को लेकर तो विवाद ही हो गया जहां बंगला की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के प्रस्ताव और अरविंद केजरीवाल की सहमती ने खड़गे के लिए पीएम पद का दरवाज़ा खोला वहीं नीतीश और लालू की नाराजगी की खबरें भी आम हो गई.
राहुल ने नीतीश कुमार को किया फोन
19 दिसंबर की मीटिंग के बाद खबर आई की नीतीश कुमार नाराज़ होकर मीटिंग से चले गए. नीतीश पटना पहुंचते उससे पहले उनके पाला बदलने की चर्चाएं होने लगी. किसी ने कहा सीट शेयरिंग नहीं होने से नाराज़ है तो किसी ने कहा प्रधानमंत्री उम्मीदवार सपना टूटने से नाराज़ है. फिर खबर आई की मीटिंग के बाद गुरुवार को राहुल ने नीतीश कुमार को फोन किया. क्या बात हुई…. ये जानने शुक्रवार को तेजस्वी नीतीश कुमार के घर पहुंच गए. घंटों चर्चा हुई बताया गया की सीट शेयरिंग को लेकर मामला चल रहा है.
इंडिया गठबंधन से नीतीश का हुआ मोह भंग
इंडिया गठबंधन की शुरुआत से ही जेडीयू नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मान रही है. हलांकि मंगलवार 19 नवंबर की दिल्ली की बैठक में इस सपने पर तब पानी फिर गया जब बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने बतौर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे कर दिया औऱ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इसका समर्थन कर दिया. हलांकि खुद खड़गे ने इस बात को खारिज करते हुए कहा कि अभी इस मुद्दे पर चर्चा की ज़रुरत नहीं है इसे 2024 की जीत के बाद देखा जा सकता है.
इधर दिल्ली में ये घटनाक्रम हुआ और इधर बिहार में .जेडीयू ने 29 दिसंबर को अपनी 200 सदस्यों वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुला ली. पहले 29 दिसंबर को सिर्फ राष्ट्रीय कार्यकारिणी जिसमें 99 सदस्य हैं उसकी बैठक बुलाई गई थी.
दोनों बैठकों के एक साथ और एक दिन होने से ये चर्चा चल पड़ी की जेडीयू या कहें नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला लेने वाले है.
बीजेपी भी डाल रही है नीतीश पर डोरे
वैसे खबर है कि पलटू राम, धोखेबाज़, नीतीश के लिए दरवाज़ें बंद जैसे बयान देने वाली बीजेपी भी नीतीश कुमार को लुभाने में लगी है. बीजेपी को ये तो समझ आ गया है कि इंडिया गठबंधन 2024 में उसे कड़ी चुनौती दे सकता है. ऐसे में अगर इस गठबंधन के सूत्रधार को ही तोड़ लिया जाए तो गठबंधन को संभलने में टाइम लगेगा और टाइम ही है जो न बीजेपी के पास है न गठबंधन के पास. नीतीश सिर्फ इंडिया गठबंधन को अस्थिर नहीं करेंगे बल्कि 2024 के लिए बिहार की 40 सीटों पर भी बीजेपी की लगभग खत्म नज़र आ रही दावेदारी को भी मजबूत कर देंगे. ऐसे में इस वक्त नीतीश का साथ बीजेपी के लिए कड़वा ज़रुर है लेकिन उसकी राजनीतिक कमज़ोरी दूर करने में दवा का काम कर सकता है.