पटना : अभिषेक झा , ब्यूरो चीफ
बिहार में जब से आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan Singh) की जेल से रिहाई हुई है,राजनीतिक माहौल गर्म है. विपक्षी पार्टी बीजेपी सरकार पर हमलावर है लेकिन आनंद मोहन को लेकर नहीं बल्कि आनंद मोहन के बहाने सरकार ने जेल से छूटने वाले अपराधियो की जो लिस्ट बनाई है उसपर माहौल गर्म है.
आनंद मोहन को छोड़ना गलत नहीं-विजय सिन्हा
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने आनन्द मोहन (Anand Mohan Singh) को जेल से छोड़ने के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार का ये कदम दुर्भाग्यपूर्ण है . हलांकि बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने आनंद मोहन की ऱिहाई को गलत नहीं माना है. विजय सिन्हा ने कहा कि आनन्द मोहन को राजनीतिक कारणों से तत्कालीन सरकार द्वारा फंसाया गया था. उनकी रिहाई स्वागत योग्य है . विजय सिन्हा ने तो यहा तक कहा कि सरकार को उनसे (आनंद मोहन से) मांफी मांगनी चाहिए,लेकिन उनकी आड़ में अन्य 26 अपराधियों की रिहाई सूची में नाम देख कर बिहार के लोग स्तब्ध हैं.
आनंद मोहन के बहाने 26 कैदियों की रिहाई की लिस्ट चिंताजनक !
विजय सिन्हा ने कहा कि साल 2016 में जेल मेनुअल में संशोधन आनन्द मोहन पर बदले की भावना से कार्रवाई करने के लिए की गई थी.उसी संशोधन का परिणाम है कि सम्पूर्ण सजा काटने के बाद भी उनकी रिहाई नहीं हुई.अब आनन्द मोहन का बहाना बनाकर नया संशोधन किया गया है लेकिन असली मकसद राजद द्वारा पोषित कुख्यात अपराधियों को छुड़ाना है.
दुर्दांत अपराधियों के छोड़ने से अपराधियों का बढ़ेगा मनोबल
बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने कहा कि रिहाई के लिए दुर्दान्त अपराधियों की लम्बी सूची देखकर जेल के बाहर मौजूद अपराधियों का मनोबल मजबूत होगा.वैसे ही राज्य में पिछले 9 महीने से अपराधियों के कहर से जनता परेशान है .अब एक सूची के बाद दूसरी, तीसरी, चौथी रिहाई सूची जारी करने का अनन्त सिलसिला शुरू होने वाला है.
आनंद मोहन की रिहाई पर डीएम कृष्णैया की विधवा पत्नी दुखी
डीएम जी कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन की फांसी की सजा उम्रकैद बदली और फिर उसके उम्र कैद की सजा में संशोधन करके रिहाई का रास्ता साफ किया गया. आनंद मोहन की रिहाई के लिए रास्ता बनाने वाले नीतीश कुमार पर डीएम कृष्णैया की विधवा पत्नी ने आरोप लगया है . डीएम कृष्णैया की पत्नी ने कहा कि बिहार में कास्ट पॉलिटिक्स के कारण आनंद मोहन को छोड़ दिया गया है. डीएम कृष्णैया की पत्नी टी उमा ने कहा कि मुझे दुख है कि जिसने एक ईमानदार अफसर की हत्या कर दी, उसे वो सजा नहीं मिली जिसका वो हकदार था. आनंद मोहन की रिहाई का सबको विरोध करना चाहिये .
टी उमा ने आनंद मोहन की रिहाई रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक से हस्तक्षेप की मांग की थी.