Saturday, July 27, 2024

बिलक़िस के दोषियों की रिहाई पर गुजरात और केंद्र सरकार को SC का नोटिस

गुरुवार को बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में गुजरात सरकार और केंद्र सरकार दोनों को नोटिस जारी किया. इस मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी. सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली समेत 4 लोगों ने गुजरात सरकार के फैसले को रद्द करने की मांग की है.
दोषियों को भी मामले में पक्षकार बनाने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया की दोषियों को भी इस मामले में पक्षकार बनाया जाए. सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने सवाल किया कि 14 लोगों की हत्या और गर्भवती महिला से गैंगरेप के दोषियों को छोड़ दिया गया? हम चाहते हैं कि रिपोर्ट यहां मंगाई जाए और देखा जाए कि कमेटी ने कैसे रिहाई की सिफारिश की. इसपर दोषियों के वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि याचिकाकर्ता तीसरा पक्ष हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सभी दोषियों को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए. अब सुप्रीम कोर्ट खुद बिलकिस बानो के 11 दोषियों की रिहाई का परीक्षण करेगा.
जस्टिस अजय रस्तोगी ने क्या कहा
सुनवाई के दौरान जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि सवाल यह है कि गुजरात के नियमों के तहत दोषी छूट के हकदार हैं या नहीं? मैंने कहीं पढ़ा है कि लिखा था कि सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया था. लेकिन नहीं, हमने केवल गुजरात को कानून के अनुसार आगे बढ़ने के लिए कहा था.
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस से सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी थी. बिलकिस के साथ गैंगरेप करने वाले 12 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. उसमें से एक मुकद्दमे के दौरान मर गए और 11 लोगों को जेल भेजा गया.
2008 में मुंबई की एक विशेष अदालत ने गैंगरेप और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. हालांकि, बीते दिनों गुजरात एक कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को एक ही दिन समय से पहले रिहा कर दिया,जिसके बाद विवाद शुरू हो गया. कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताते हुए बिलकिस ने बिना किसी डर के जीने का अधिकार मांगा था.

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