हाल ही में इसरो द्वारा चंद्रयान-3 का सफल लांच किया गया. लांच के मौके पर हिंदी में प्रथम अभिभाषण देने का गौरव डुमरांव अनुमंडल की चौगाईं इलाके के ओझा बरांव गांव की लड़की को प्राप्त हुआ. जिनका नाम प्रगति कुमारी है. अपने कमाल के बोलने के अंदाज़ और शुद्ध भाषा के बल पर न सिर्फ प्रगति को पहले भाषण देने का मौका मिला बल्कि बाद में इसरो द्वारा उसे सम्मानित भी किया गया. तो इस गौरव के मौके और इस ख़ुशी ने उनके पूरे परिवार का सीना चौड़ा कर दिया.
बता दें कि प्रगति के पिता ओमप्रकाश ओझा पेशे से किसान है. जबकि मां ममता देवी हाउस वाइफ है. वही बड़े भाई पंकज ओझा शिक्षक है. उसकी प्रारंभिक पढ़ाई गांव से ही शुरू हुई थी. वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छी थी. जिसके चलते परिवार ने उनका दाखिला बक्सर के बीपीएस स्कूल में कराया दिया. यहां से मैट्रिक पास करने के बाद उन्होंने एमवी कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. उच्च शिक्षा के लिए वह वाराणसी भी गई. बीएचयू से स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लग गई थी.
प्रगति ने एसएससी की कठिन माने जाने वाली परीक्षा में सफलता अर्जित कर सीनियर हिंदी ट्रांसलेटर के तौर पर चयनित हुई. वह अपने भाषा कौशल व काबिलियत के बदौलत ही इसरो द्वारा भाषण के लिए चयनित हुई है. उसके भाई पंकज ने बताया कि उसकी इस सफलता से पूरा परिवार खुश हैं. सिर्फ परिवार ही नहीं बल्की जिले के सभी लोग गर्व महसूस कर रहे हैं. और हो भी क्यों ना ज़िले की बेटी ने ऐसे ऐतिहासिक मौके पर इतना बड़ा काम जो किया.