संवाददाता मुबारक हुसैन ,फारबिसगंज: Forbesganj नगर परिषद में प्रधान सहायक पद के मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद मुख्य पार्षद वीणा देवी एवं कार्यपालक पदाधिकारी संदीप कुमार आमने सामने हो गए हैं. जहां कार्यालय में इंतजार कर मुख्य पार्षद ने ईओ पर आरोप लगाते हुए कहा की 2017 से 2020 तक की नाजिर बही उपलब्ध कराने को लेकर पत्र के माध्यम से बार बार डिमांड कार्यपालक पदाधिकारी से कर रहे हैं लेकिन उन्होंने साफ़ देने से इनकार कर दिया हैं.
मुख्य पार्षद ने बताया की पूर्व प्रधान सहायक चंद्रनाथ चंदन मामले में न्यायालय के निर्देश के आलोक में कागजात उपलब्ध नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा की अप्राप्त नाजिर बही में पूर्व प्रभारी प्रधान सहायक पर करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप है, जिन्हें ईओ का संरक्षण प्राप्त है. उन्होंने बताया की हाई कोर्ट के निर्देश के आलोक में कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर अपना रिपोर्ट जमा कर चंद्रनाथ चंदन पर किसी तरह की वित्तीय अनियमित की बात सामने नहीं कहने की बात कही है. जबकि ऑडिट में भी भेग है लेकिन ईओ ने उसे दरकिनार कर रिपोर्ट सबमिट कर दिया.
Forbesganj: करोड़ रुपया हड़पने का मामला कई वर्षों से चल रहा
उन्होंने बताया की नाजिर बही उपलब्ध हो जाता तो उसके जांचोपरांत यह निर्णय लिया जाता कि पूर्व प्रभारी प्रधान सहायक को पदोन्नति देना है या नहीं. उन्होंने बताया की नगर परिषद संपत्ति कर वसूली में 2017 से 2020 तक लगभग एक करोड़ रुपया हड़पने का मामला कई वर्षों से चल रहा है. जो पिछले कई बोर्ड में पर्दाफाश हुआ लेकिन वो जांच में ही दफन होकर रह गया. इधर कार्यपालक पदाधिकारी संदीप कुमार ने बताया की जब उसपर हड़पने का आरोप था तो न्यायालय में काउंटर एफिडेविट में इस बात को मुख्य पार्षद ने क्यों नहीं जिक्र किया. मामले को न्यायालय में दिया होता तो शायद मामला पेंडिंग दिखाता लेकिन यहां न्यायालय ने सशक्त स्थायी समिति को पद्दोन्ती को कंसीडर करने का निर्देश दिया है.
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वही उन्होंने कहा की सशक्त स्थायी समिति के बैठक की कार्यवाही पुस्तिका मुझे प्राप्त होगी तब तो मैं जानूंगा की मुझे कौन सी कागजात या नाजिर बही की डिमांड की गयी है. मैंने बैठक की कार्यवाही पुस्तिका की मांग की है मुझे उपलब्ध नहीं करवाया गया है. चंद्रनाथ चंदन उर्फ गुड्डू ने कहा की कोर्ट में मेरे द्वारा यह आरोप लगाया था कि सशक्त स्थायी समिति मेरे पद्दोन्ती को गबन की जांच का बहाना बनाकर कंसीडर नहीं किया जा रहा है जिसपर कोर्ट ने सरकार,नगर विकास, कार्यपालक पदाधिकारी एवं मुख्य पार्षद के अधिवक्ताओं को सुनने के पश्चात 3 सप्ताह के भीतर सशक्त स्थायी समिति को मेरे पद्दोन्ती को कंसीडर करने का आदेश दिया है.