पटना : पटना जिले के फुलवारी शरीफ-जानीपुर थाना क्षेत्र के नगवां गांव में 31 जुलाई की शाम हुए भाई-बहन की नृशंस हत्या मामले में पटना पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर बड़ा खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मृतकों की पहचान 14 वर्षीय अंजली और उसके 10 वर्षीय भाई अंशु के रूप में हुई है, जबकि गिरफ्तार आरोपियों में शुभम कुमार उर्फ सन्नी कुमार (पिता- मृत्युंजय कुमार) और रौशन कुमार (पिता- शंभू शर्मा), दोनों निवासी फुलवारी शरीफ के फुलिया टोला शामिल हैं।
हत्या की वजह: प्रेम, संदेह और साजिश
पुलिस जांच में सामने आया है कि अंजली और शुभम के बीच प्रेम संबंध था, जिसकी जानकारी दोनों परिवारों को थी। रौशन, जो अंजली के परिवार से पहले से परिचित था, उसने ही दोनों की पहचान कराई थी। हाल के दिनों में शुभम को शक हुआ कि अंजली अब किसी और से बातचीत करने लगी है। बेवफाई के शक और ईर्ष्या के चलते शुभम ने रौशन के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
हत्या की योजना और क्रूरता की हदें पार
दोनों आरोपियों ने मोती चौक, खगौल स्थित एक दुकान से केरोसिन तेल खरीदा और एम्स गोलंबर होते हुए नगवां गांव पहुंचे। शुभम ने अंजली से झगड़ा किया, इस बीच उसका छोटा भाई अंशु जाग गया। शुभम ने पहले अंशु के सिर पर ईंट मारकर हत्या की और फिर अंजली का मुंह तकिए से दबाकर उसे भी मार डाला। इसके बाद दोनों ने लाशों पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी ताकि साक्ष्य मिटाया जा सके।
सबूत मिटाने की कोशिश, पुलिस ने किया पर्दाफाश
हत्या के बाद दोनों आरोपियों ने अपने मोबाइल से कॉल डिटेल्स और चैटिंग डिलीट करने की कोशिश की। हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में गठित विशेष SIT टीम ने वैज्ञानिक, तकनीकी और मानवीय अनुसंधान के आधार पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से तीन मोबाइल और केरोसिन की खाली बोतल भी बरामद की है।
SIT टीम और स्पीडी ट्रायल की घोषणा
इस मामले की जांच के लिए नगर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) की निगरानी में एक विशेष SIT का गठन किया गया था, जिसमें अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दीपक कुमार सहित कई अधिकारी शामिल रहे। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा है कि दोनों आरोपियों पर स्पीडी ट्रायल चलाकर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
घटना के बाद बवाल, सड़क जाम और धरना-प्रदर्शन
हत्या की खबर के बाद नगवां गांव और जानीपुर मोड़ पर लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। सीपीआई (एमएल) विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने सड़क जाम कर नारेबाजी की और धरना प्रदर्शन किया। रामकृपाल यादव सहित कई नेताओं और सामाजिक संगठनों ने घटनास्थल पर पहुंचकर आरोपियों को फांसी देने की मांग की। इलाके में तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी।