Friday, September 19, 2025

NE-9 का दर्जा मिलने से चमकेगा सीमांचल: पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे से आर्थिक विकास को मिलेगी गति

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बिहार की सबसे महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं में से एक पटनापूर्णिया एक्सप्रेसवे को केंद्र सरकार ने औपचारिक रूप से राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे का दर्जा प्रदान कर दिया है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की ओर से अधिसूचना जारी कर इस एक्सप्रेसवे को नेशनल एक्सप्रेसवे-9 (NE-9) घोषित किया गया है. यह बिहार का पहला ऐसा एक्सप्रेस-वे होगा जो पूरी तरह से राज्य की सीमाओं के भीतर है.

बिहार सरकार ने केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है. प्रदेश के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि – पटनापूर्णिया एक्सप्रेसवे का राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे-9 के रूप में अधिसूचित होना बिहार के लिए गर्व का क्षण है. इसकी घोषणा के बाद यहां काम बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है. राज्य सरकार इसे समय पर पूरा करने के लिए केंद्र सरकार को हर आवश्यक सहयोग प्रदान कर रही है. आगे भी करती रहेगी.

जानें NE-9 का रूट
आपको बता दें कि 250 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे एनएच-22 के मीरनगर अरेज़ी (हाजीपुर) से शुरू होकर नरहरपुर, हरलोचनपुर, बाजिदपुर, सरौंजा, रसना, परोरा और फतेहपुर से गुजरते हुए पूर्णिया जिले के हंसदाह में एनएच-27 (ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर) से जुड़ेगा .परियोजना में 21 बड़े पुल, 140 छोटे पुल, 11 रेलवे ओवरब्रिज, 21 इंटरचेंज और 322 अंडरपास शामिल होंगे. साथ ही समस्तीपुर, सहरसा और मधेपुरा जिला मुख्यालयों को जोड़ने के लिए अलग से संपर्क मार्ग भी बनाया जाएगा.

एक्सप्रेस-वे की बड़ी बातें
जानकारी के मुताबिक इस परियोजना के लिए 6 जिलों के 29 प्रखंडों के 250 से अधिक गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. भूमि अधिग्रहण पूरा होते ही निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा. मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार के पहले एक्सप्रेस वे के भूमि अधिग्रहण का काम काफी तेज गति से होगा. इस एक्सप्रेस वे पर गाड़ियों की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे देश का नौवां और बिहार का पहला एक्सप्रेस वे होगा.

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