संवाददाता अजीत कुमार, कैमूर: फाइलेरिया उन्मूलन Filariasis Eradication Campaign के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान अल्बेंडाजोल की दवा खाने के बाद Kaimur जिलाे के गई गांवो में अफरा तफरी मच गयी है. स्कूली बच्चों का दवा दी गई जिसे खाने के बाद छात्र छात्राओं ने तबियत खराब होने की शिकायत की. इस दौरान कई छात्र- छात्राओं की हालात बिगड़ गई है. आनन फानन में सभी बच्चों को निजी अस्पताल और सरकारी अस्पताल. जिसे जहां जगह मिली उसे भर्ती कराया गया. ये सारा मामला दुर्गावती रामगढ़ नुआंव और चैनपुर के सिरबिट गांव के अलग अलग स्कूलों का है.

घटना के कारण बीमार बच्चों से रामगढ़ रेफरल अस्पताल और चैनपुर पीएचसी नुआंव अस्पताल मरीजों से भर गया . बच्चों की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया . कैमूर के डीएम सावन कुमार सिविल सर्जन, शिक्षा पदाधिकारी सहित सभी विभाग के अधिकारी तत्काल घटना स्थल पर पहुंचे और मामले के बारे में जानकारी लेकर कार्यवाई में जुट गए .
Kaimur फाइलेरिया उन्मूलन अभियान : खाली पेट दवाई खाने के साइड इफेक्ट्स
सूचना पर रामगढ़ रेफरल अस्पताल पहुंचे कैमूर के डीएम सावन कुमार ने मामले की जांच करते हुए बताया कि ये उनके ही द्वारा शुरु किया हुआ अभियान है. उन्होंने ही अल्बेंडाजोल की दवाई खिलाने की अनुमति दी थी.डीएम सावन कुमार ने कहा कि मेरे ही द्वारा आज से फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा का कार्यक्रम किया गया था. डीएम ने कहा कि इस दवाई का सेवन मैंने भी किया था.
प्राथमिक इलाज का बाद कई बच्चे घर भेजे गये
डीएम सावन कुमार ने कहा कि उन्हें रामगढ़ और नुआंव से सूचना मिली की अल्बेंडाजोल की दवा खाने से काफी बच्चे बेहोश हो गए हैं. थोड़ी देर के बाद कुछ बच्चों की हाालत में सुधार आया और कुछ बच्चों का इलाज किया जा रहा है. डीएम ने कहा की दवा में कोई खराबी नहीं है,पर इस दवा को खाली पेट सेवन करने से इसका थोड़ा बहुत साइड इफेक्ट्स होता है. जो एक बच्चा को हुआ . एक बच्चे की तबियत खराब देखकर दूसरे बच्चे डर गए. और उनकी भी तबियत बिगड़ गयी. अभी रामगढ़ और नुआंव के 25 से 30 बच्चों का इलाज किया जा रहा है. फिलहाल सभी स्वस्थ है जल्द ही घर जा सकेंगे.
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वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की जिले के कई थाना क्षेत्र के विद्यालयो में बच्चों की तबीयत बिगड़ी थी, जिसमें किसी का ईलाज चल रहा है तो कई लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं. इसके अलावा दुर्गावती में भी कई बच्चों की हालत खराब बताई जा रही है.